Air India 787 Crash: Same Jet in Australia 4 Days Ago
Air India 787 Crash: Same Jet in Australia 4 Days Ago :- लंदन, इंग्लैंड के साउथेंड एयरपोर्ट (London Southend Airport) पर रविवार को एक बड़ा हादसा हुआ, जब एक छोटा निजी विमान टेकऑफ के कुछ ही समय बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विमान ने रनवे से उड़ान भरने के कुछ मिनटों के भीतर ही अचानक नियंत्रण खो दिया और जमीन से टकरा गया, जिसके बाद उसमें भीषण आग लग गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि विमान तुरंत ही आग के गोले में तब्दील हो गया और धुएं का बड़ा गुबार आसमान में फैल गया।
हादसे के बाद मौके पर मौजूद एयरपोर्ट स्टाफ और ग्राउंड क्रू ने तुरंत आपातकालीन अलार्म बजाया। दमकल विभाग की कई गाड़ियां और एंबुलेंस कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर पहुंच गईं और आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया। हालांकि आग इतनी तेज थी कि उसे पूरी तरह बुझाने में समय लगा।
एयरपोर्ट प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से सभी रनवे ऑपरेशन अस्थायी रूप से रोक दिए और चार निर्धारित उड़ानें रद्द कर दीं। यात्रियों को लाउंज और टर्मिनल के सुरक्षित हिस्सों में शिफ्ट किया गया। हादसे की वजह का अभी तक आधिकारिक खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन शुरुआती आशंका है कि यह इंजन फेलियर या तकनीकी खराबी के कारण हुआ हो सकता है।
ब्रिटेन की एविएशन अथॉरिटी (CAA) ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और विमान के ब्लैक बॉक्स को सुरक्षित कर लिया गया है। पुलिस ने एयरपोर्ट के आसपास के इलाके को घेर लिया है ताकि जांच में किसी तरह की बाधा न आए। फिलहाल यह भी स्पष्ट नहीं है कि विमान में कितने लोग सवार थे और उनकी स्थिति क्या है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई लोगों ने इस घटना का वीडियो अपने मोबाइल में कैद किया है, जिसमें दुर्घटना के बाद उठते हुए आग और धुएं के विशाल गुबार को साफ देखा जा सकता है। इस हादसे ने स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया है और लोग सोशल मीडिया पर पीड़ितों के लिए प्रार्थनाएं कर रहे हैं।
घटना की पुष्टि
यह भयावह हादसा रविवार दोपहर उस समय हुआ, जब लंदन के दक्षिण-पूर्व में स्थित साउथेंड एयरपोर्ट पर एक 12 मीटर लंबा जनरल एविएशन विमान टेकऑफ के तुरंत बाद नियंत्रण खो बैठा और रनवे के पास दुर्घटनाग्रस्त होकर आग की चपेट में आ गया। ईस्ट ऑफ इंग्लैंड एम्बुलेंस सर्विस और एसेक्स पुलिस को लगभग दोपहर 4 बजे (BST) इस घटना की सूचना मिली, जिसके बाद एयरपोर्ट पर तुरंत आपातकालीन स्थिति घोषित कर दी गई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए, दमकल विभाग की कई गाड़ियां, एम्बुलेंस और पुलिस यूनिट्स मौके पर भेजी गईं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि विमान के जमीन से टकराते ही उसमें भीषण धमाका हुआ और कुछ ही सेकंड में वह आग के गोले में बदल गया। हवा में घना काला धुआं फैल गया, जो दूर-दूर तक दिखाई दे रहा था।
एसेक्स पुलिस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा,
“हम साउथेंड एयरपोर्ट पर हुई एक गंभीर घटना की जांच में जुटे हैं। हमारी टीम और अन्य आपातकालीन सेवाएं कई घंटों तक मौके पर काम करती रहेंगी। नागरिकों से अनुरोध है कि वे जांच में सहयोग करें और सुरक्षा कारणों से इस इलाके से दूर रहें।”
पुलिस और जांच एजेंसियों ने एयरपोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्रों को घेरकर सुरक्षित कर दिया है, ताकि साक्ष्य सुरक्षित रखे जा सकें। हादसे के कारणों की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन एविएशन से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि प्राथमिक जांच में इंजन फेलियर या किसी तकनीकी खराबी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
स्थानीय प्रशासन ने यात्रियों और आम नागरिकों को सलाह दी है कि वे एयरपोर्ट की रियल-टाइम अपडेट पर नज़र रखें, क्योंकि हादसे के चलते कई उड़ानें प्रभावित हुई हैं। वहीं, इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत और शोक का माहौल पैदा कर दिया है, और सोशल मीडिया पर लोग पीड़ितों की सलामती और बचावकर्मियों की सराहना करते हुए संदेश साझा कर रहे हैं।
राहत एवं बचाव कार्य
एयरपोर्ट प्रशासन और स्थानीय प्राधिकरणों ने इस गंभीर हादसे के तुरंत बाद त्वरित और समन्वित कार्रवाई की, ताकि नुकसान को कम से कम किया जा सके और लोगों की जान बचाई जा सके। घटना की सूचना मिलते ही ईस्ट ऑफ इंग्लैंड एम्बुलेंस सर्विस ने तेजी दिखाते हुए चार इमरजेंसी क्रू, एक रैपिड रिस्पांस वाहन, एक हज़ार्डस एरिया रिस्पांस टीम (HART) और एक वरिष्ठ पैरामेडिक को तुरंत घटनास्थल पर रवाना किया। इन टीमों का प्राथमिक उद्देश्य था घायलों को तुरंत चिकित्सकीय सहायता देना, आग से सुरक्षित निकालना और स्थिति को नियंत्रण में लाना।
साथ ही, एसेक्स काउंटी फायर एंड रेस्क्यू सर्विस ने भी बड़े पैमाने पर अपनी तैनाती की। साउथेंड, रेले वेयर और बेसिलडन से दमकल वाहन तेजी से मौके पर पहुंचे, जबकि बिलेरिके और चेल्म्सफोर्ड से ऑफ-रोड रेस्क्यू यूनिट भी भेजी गई, ताकि कठिन इलाकों में फंसे लोगों को निकाला जा सके और आग बुझाने के काम में मदद मिल सके।
इन सभी टीमों ने मिलकर रनवे और आसपास के क्षेत्रों को घेर लिया, ताकि आग के फैलाव को रोका जा सके और विमान में मौजूद संभावित ईंधन के विस्फोट के खतरे को कम किया जा सके। मौके पर पहुंचे दमकलकर्मियों ने विशेष फोम और हाई-प्रेशर वॉटर जेट का इस्तेमाल करके आग को काबू में करने का प्रयास शुरू किया।
अधिकारियों के अनुसार, बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि विमान में आग लगने के बाद तापमान अत्यधिक बढ़ गया था और धुएं के कारण दृश्यता कम हो गई थी। इसके बावजूद, सभी आपातकालीन टीमें लगातार प्रयास करती रहीं और कुछ ही घंटों में स्थिति पर आंशिक नियंत्रण पा लिया गया।
यह त्वरित और संगठित प्रतिक्रिया दर्शाती है कि स्थानीय आपातकालीन सेवाएं ऐसे गंभीर हालात में किस तरह समन्वय के साथ काम करती हैं, ताकि नुकसान और जानमाल की हानि को न्यूनतम किया जा सके।
कितने लोग थे विमान में? स्थिति स्पष्ट नहीं
हादसे के समय विमान में कितने लोग सवार थे और उनकी स्थिति कैसी है, इस बारे में अब तक किसी भी आधिकारिक एजेंसी ने स्पष्ट जानकारी जारी नहीं की है। एयरपोर्ट प्रशासन और बचाव दल का कहना है कि पहले आग पूरी तरह बुझाने और मौके को सुरक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जिसके बाद ही यात्रियों और क्रू से जुड़ी सटीक जानकारी साझा की जाएगी। यह सतर्कता इसलिए भी बरती जा रही है, ताकि अपुष्ट आंकड़ों से अफवाहें न फैलें और पीड़ित परिवारों को बिना पुष्टि के कोई गलत सूचना न मिले।
हालांकि, मौके से जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं, वे हादसे की भयावहता को स्पष्ट रूप से दिखाते हैं। इनमें रनवे के पास खड़ा विमान भीषण लपटों में घिरा हुआ दिखाई देता है, और कुछ ही सेकंड में एक विशाल आग का गोला बनकर आसमान की ओर उठता नजर आता है। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई, जिससे एयरपोर्ट के बाहर भी अफरा-तफरी मच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटें इतनी ऊंची और घनी थीं कि उन्होंने कुछ समय के लिए आसमान को लाल और काले रंग में रंग दिया। पास के इलाकों से लोग अपने घरों और ऑफिस की खिड़कियों से बाहर निकलकर इस भयावह नजारे को देखने लगे। कई लोगों ने इसे अपने मोबाइल कैमरों में रिकॉर्ड किया, और कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं, जिनमें धमाके के बाद उठते धुएं का घना गुबार साफ दिखाई दे रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की आग विमान में मौजूद ईंधन के कारण बेहद तेजी से फैलती है, जिससे बचाव कार्य और भी मुश्किल हो जाता है। फिलहाल, पुलिस, फायर ब्रिगेड और एयरपोर्ट सुरक्षा टीम इस बात की जांच में जुटी है कि हादसे के समय विमान में कितने लोग थे और उनका क्या हुआ। इस संबंध में आधिकारिक बयान आने तक पूरे क्षेत्र में सतर्कता और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
एयरपोर्ट का बयान
साउथेंड एयरपोर्ट के प्रवक्ता ने हादसे की पुष्टि करते हुए कहा,
“हम यह पुष्टि करते हैं कि आज दोपहर हमारे एयरपोर्ट पर एक जनरल एविएशन विमान से जुड़ी गंभीर घटना हुई है। हमारी टीमें स्थानीय प्राधिकरणों, पुलिस, दमकल और एम्बुलेंस सेवाओं के साथ मिलकर स्थिति को संभालने और प्रभावित क्षेत्रों को सुरक्षित करने में जुटी हैं। हम जैसे ही अधिक सटीक और आधिकारिक जानकारी उपलब्ध होगी, उसे सार्वजनिक करेंगे।”
एयरपोर्ट प्रशासन के इस बयान से साफ है कि हादसा इतना गंभीर था कि तत्काल सभी आपातकालीन प्रोटोकॉल सक्रिय करने पड़े। रनवे और उसके आसपास के हिस्सों को पूरी तरह सील कर दिया गया, ताकि बचाव और जांच कार्य निर्बाध रूप से हो सके। इस दौरान यात्रियों और स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एयरपोर्ट के भीतर विशेष सुरक्षा घेरा बना दिया गया।
विमान दुर्घटना का असर एयरपोर्ट के नियमित संचालन पर भी पड़ा। रविवार दोपहर को कम से कम चार निर्धारित उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जबकि कई अन्य उड़ानों के प्रस्थान और आगमन समय में देरी हुई। रद्द की गई उड़ानों के यात्रियों को एयरपोर्ट लाउंज में रोका गया और उन्हें वैकल्पिक यात्रा विकल्प या रीबुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई।
इस घटना के चलते एयरपोर्ट पर यात्रियों के बीच चिंता और बेचैनी का माहौल रहा। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर शिकायतें दर्ज कराते हुए कहा कि उन्हें स्थिति की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल रही थी, जबकि अन्य ने एयरपोर्ट स्टाफ और आपातकालीन सेवाओं के तेज़ और साहसिक प्रयासों की सराहना की।
फिलहाल, साउथेंड एयरपोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि प्राथमिकता आग पूरी तरह बुझाने, सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और जांच एजेंसियों को आवश्यक सहयोग देने पर है। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एविएशन सेफ्टी एक्सपर्ट्स और इंवेस्टिगेशन टीम को भी बुलाया गया है, जो ब्लैक बॉक्स और अन्य तकनीकी साक्ष्यों की जांच करेगी।
चश्मदीद और सोशल मीडिया की प्रतिक्रियाएं
ब्रिटेन के प्रमुख मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो रही तस्वीरों में साउथेंड एयरपोर्ट के ऊपर उठता एक विशाल आग का गोला साफ दिखाई दे रहा है, जिसने पूरे इलाके को दहशत और स्तब्धता में डाल दिया। यह हादसा लंदन से लगभग 56 किलोमीटर (35 मील) दूर स्थित समुद्र तटीय शहर साउथएंड-ऑन-सी में रविवार दोपहर हुआ, जो आमतौर पर शांत और पर्यटन के लिए मशहूर इलाका है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग का गुबार इतनी ऊंचाई तक उठा कि वह शहर के कई हिस्सों से दिखाई दे रहा था।
इस दर्दनाक घटना पर राजनीतिक और स्थानीय प्रतिनिधियों ने भी चिंता और संवेदना व्यक्त की है। साउथेंड वेस्ट और लीघ क्षेत्र के लेबर सांसद डेविड बर्टन-सैम्पसन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जो इस घटना में शामिल रहे। मैं आशा करता हूं कि जांच और बचाव कार्य सुचारू रूप से आगे बढ़े और प्रभावित परिवारों को आवश्यक सहयोग मिले।”
वहीं, साउथेंड सिटी काउंसिल के सदस्य मैट डेंट ने भी X पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा:
“फिलहाल मेरे पास यही जानकारी है कि एक छोटा विमान एयरपोर्ट पर क्रैश हुआ है। मेरी दुआएं पीड़ितों, उनके परिजनों और घटनास्थल पर मौजूद आपात सेवाओं के साथ हैं, जो कठिन हालात में भी साहस के साथ काम कर रही हैं।”
स्थानीय नेताओं की इन प्रतिक्रियाओं से साफ है कि हादसे ने न केवल यात्रियों और प्रत्यक्षदर्शियों को बल्कि पूरे समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है। कई निवासियों ने सोशल मीडिया पर इस घटना को “साउथएंड के इतिहास की सबसे भयावह घटनाओं में से एक” करार दिया और बचावकर्मियों की बहादुरी की सराहना की।
हादसे के बाद इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, और एयरपोर्ट के आस-पास का क्षेत्र आम नागरिकों के लिए पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है, जबकि एविएशन सेफ्टी अथॉरिटी और पुलिस की विशेष टीमें जांच में जुटी हुई हैं।
दुर्घटना के बाद बढ़े सवाल
फिलहाल इस भीषण हादसे की गहन जांच जारी है, और अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि किसी भी संभावित कारण को इस समय खारिज नहीं किया जा रहा है। तकनीकी खराबी, पायलट की गलती, या मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियां—तीनों ही पहलुओं को बराबरी से जांचा जा रहा है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह घटना उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों में हुई, जिससे यह संभावना और मजबूत होती है कि या तो टेकऑफ के दौरान कोई यांत्रिक समस्या हुई, या किसी बाहरी कारण ने विमान को असंतुलित कर दिया।
लोकल अथॉरिटीज, एविएशन विभाग और एयरक्रैश इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (AAIB) की टीमें मिलकर हर संभव साक्ष्य जुटा रही हैं। हादसे के मलबे को सुरक्षित कर लिया गया है और विमान का ब्लैक बॉक्स तथा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर निकालने का काम प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है, ताकि उड़ान के अंतिम पलों की सटीक जानकारी मिल सके।
इसके अलावा, मौसम विभाग के डेटा और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि टेकऑफ के समय हवा की गति, दिशा या किसी अन्य मौसम संबंधी कारक का हादसे में कोई योगदान था या नहीं। प्रत्यक्षदर्शियों के बयान, सीसीटीवी फुटेज, और सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो भी जांच में शामिल किए जा रहे हैं।
एविएशन सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामलों में हर संभावना को खुला रखा जाता है, क्योंकि एक ही हादसे में कई कारकों का संयुक्त प्रभाव हो सकता है। अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक अपडेट पर भरोसा करें।
अगर आप चाहें तो मैं अभी इस पूरी घटना का एक क्रमवार टाइमलाइन भी तैयार कर सकता हूं, जिससे पूरा हादसा और उसके बाद की कार्रवाई स्पष्ट रूप से समझ आ सके।
हादसे से सबक और सुरक्षा चिंताएं
यह घटना एक बार फिर छोटे विमानों की उड़ान सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है और यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या वर्तमान सुरक्षा मानक पर्याप्त हैं या इन्हें और कड़ा करने की आवश्यकता है। पिछले कुछ वर्षों में छोटे निजी विमानों से जुड़े हादसों में लगातार वृद्धि देखी गई है, जिससे विशेषज्ञ और आम नागरिक दोनों ही चिंतित हैं। कई मामलों में तकनीकी खराबी, पायलट का अनुभव, रखरखाव की कमी या मौसम संबंधी कारक सामने आए हैं—लेकिन इस बढ़ते रुझान ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि अतिरिक्त सुरक्षा उपाय, सख्त निरीक्षण, और पायलट प्रशिक्षण में सुधार अब अनिवार्य हो गए हैं।
साउथेंड एयरपोर्ट पर हुआ यह हादसा भले ही एक छोटे विमान से जुड़ा था, लेकिन इसका प्रभाव काफी व्यापक है। एयरपोर्ट संचालन बाधित हुआ, स्थानीय यातायात प्रभावित हुआ, और पूरे समुदाय में भय और असुरक्षा की भावना फैल गई। विमानन प्राधिकरण (Aviation Authority) ने आश्वासन दिया है कि विस्तृत जांच रिपोर्ट जल्द जारी की जाएगी, जिसमें हादसे के कारण और भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए उठाए जाने वाले कदमों का विवरण होगा। तब तक, जनता से साउथेंड एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्र से दूर रहने और केवल आधिकारिक स्रोतों से मिलने वाली जानकारी पर भरोसा करने की अपील की गई है।
चिंताजनक बात यह है कि हाल ही में भारत के अहमदाबाद एयरपोर्ट पर भी ऐसा ही एक हादसा हुआ था, जिसमें एक छोटे विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से कई लोगों की जान चली गई। उस घटना ने भी छोटे विमानों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे। और अब, कुछ ही समय बाद, दक्षिण इंग्लैंड के साउथेंड एयरपोर्ट पर इस तरह का हादसा होना इस बात का संकेत है कि यह समस्या केवल किसी एक देश या क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक स्तर पर छोटे विमानों की सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियां मौजूद हैं।
इन दोनों घटनाओं से यह स्पष्ट है कि चाहे भारत हो या ब्रिटेन, छोटे विमानों के संचालन में कड़े मानक और बेहतर निगरानी प्रणाली लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाना समय की मांग है, ताकि यात्रियों और क्रू की जान को बेहतर सुरक्षा मिल सके और भविष्य में इस तरह की त्रासदियों से बचा जा सके।
एयर इंडिया विमान हादसा: दुर्घटनाग्रस्त विमान कुछ दिन पहले ऑस्ट्रेलिया में भी था
अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुए भीषण Air India Flight AI 171 हादसे ने भारतीय एविएशन सेक्टर को हिला कर रख दिया। इस दुर्घटना में शामिल Boeing 787-8 Dreamliner (रजिस्ट्रेशन नंबर VT-ANB) को लेकर अब एक नया खुलासा हुआ है—यह वही विमान है, जिसे हादसे से कुछ दिन पहले ऑस्ट्रेलिया में भी देखा गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह विमान दुर्घटना से पहले लगातार अंतरराष्ट्रीय रूट्स पर उड़ान भर रहा था और हाल ही में सिडनी और मेलबर्न जैसे ऑस्ट्रेलिया के बड़े हवाई अड्डों पर भी उतरा था। ऑस्ट्रेलियाई एविएशन ट्रैकिंग डेटा दर्शाता है कि हादसे से कुछ ही दिन पहले यह विमान ऑस्ट्रेलियाई एयरस्पेस में सक्रिय था और वहां से भारत सहित कई देशों के लिए उड़ानें भर चुका था।
अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या उस दौरान विमान में कोई तकनीकी गड़बड़ी या मेंटेनेंस से जुड़ी चेतावनी सामने आई थी? ऑस्ट्रेलियाई विमानन विशेषज्ञों का कहना है कि वे अपने निरीक्षण रिकॉर्ड और टेक्निकल लॉग्स की जांच कर रहे हैं, ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं उस समय कोई ऐसी समस्या तो नहीं थी जो बाद में अहमदाबाद हादसे का कारण बनी।
यह तथ्य हादसे की जांच में एक नया और अहम एंगल जोड़ता है। संभावना यह भी है कि अगर विमान में पहले से कोई तकनीकी खराबी थी, तो क्या उसे सही तरीके से दूर किया गया था या नहीं। इसको लेकर भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन की विमानन सुरक्षा एजेंसियां मिलकर जांच कर रही हैं। इन देशों के बीच फ्लाइट डेटा, मेंटेनेंस रिकॉर्ड, और निरीक्षण रिपोर्ट्स का आदान-प्रदान किया जा रहा है ताकि दुर्घटना के पीछे की असल वजह का पता लगाया जा सके।
जानकारों का कहना है कि ऐसे मामलों में हर सेकंड और हर फ्लाइट रिकॉर्ड महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि छोटे से छोटा तकनीकी संकेत भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है। उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में जांच टीम इस बात पर स्पष्ट रिपोर्ट पेश करेगी कि अहमदाबाद का यह दर्दनाक हादसा किन परिस्थितियों में हुआ और क्या इसे रोका जा सकता था।
वही Boeing 787 विमान, जो भारत में एक भयावह हादसे का शिकार हुआ और जिसमें कई मासूम जानें गईं, वह इस दुखद घटना से मात्र एक हफ्ते से भी कम समय पहले सैकड़ों यात्रियों को लेकर ऑस्ट्रेलिया की यात्रा पर आया-जाया था। यह जानकारी विमानन रिकॉर्ड और फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा से सामने आई है, जिसने इस दुर्घटना की जांच में एक नया पहलू जोड़ दिया है।
यह विमान Air India Flight AI171, एक Boeing 787-8 Dreamliner, था, जो गुरुवार को भारत के पश्चिमी शहर अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद, लंदन के रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों और प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, विमान ने टेकऑफ़ के तुरंत बाद असामान्य कंपन और धुएं के संकेत दिखाए, जिसके बाद वह ज़मीन पर आ गिरा और उसमें भीषण आग लग गई।
स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि विमान में कुल 242 यात्री और क्रू सवार थे, जिनमें से अब तक 204 शव बरामद किए जा चुके हैं। यह हादसा इतना गंभीर था कि अधिकांश शवों की पहचान डीएनए परीक्षण से की जा रही है। अब तक केवल एक यात्री के जीवित बचने की पुष्टि हुई है, जिसकी हालत नाज़ुक बताई जा रही है। हादसे के कारणों को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन तकनीकी खराबी, पायलट की त्रुटि या मौसम की भूमिका — सभी पहलुओं पर जांच जारी है।
Boeing 787 “Dreamliner” मॉडल को 2011 में पेश किया गया था और आज लगभग 1200 विमान दुनिया भर में (जिनमें Qantas जैसी एयरलाइंस भी शामिल हैं) सक्रिय सेवा में हैं। अहमदाबाद की यह दुर्घटना इस मॉडल की पहली घातक घटना मानी जा रही है। हालांकि, यह विमान पूरी तरह से विवादों से मुक्त नहीं रहा है — पिछले साल ऑस्ट्रेलिया से उड़ान भर रहे एक 787 विमान में अशांत वायु (टर्बुलेंस) के कारण 50 यात्री घायल हुए थे। और शुरुआती वर्षों में, ऑन-बोर्ड आग की घटनाओं के चलते दुनिया भर में सभी Boeing 787 विमानों को तीन महीने तक ग्राउंडेडरखना पड़ा था।
अहमदाबाद में क्रैश हुए विमान का रजिस्ट्रेशन नंबर VT-ANB था। यह विमान 11 साल से अधिक पुराना था और इसे 2013 के अंत में एयर इंडिया को डिलीवर किया गया था। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह विमान अपनी मिडलाइफ रिफर्बिशमेंट (अध-जीवन रखरखाव) के समय के करीब था, जो बड़े पैमाने पर जांच और पुर्जों के प्रतिस्थापन की प्रक्रिया होती है।
Boeing 787 एयर इंडिया के फ्लैगशिप एयरक्राफ्ट में से एक है, जिसे लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दुनिया भर के कई गंतव्यों — यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, एशिया और अमेरिका — के लिए नियमित उड़ानें संचालित करता है। इस विमान में कुल 256 यात्रियों के बैठने की क्षमता है, जिसमें 238 इकोनॉमी क्लास और 18 बिजनेस क्लास की सीटें शामिल हैं, जो इसे लंबी दूरी की यात्रा के लिए एक आरामदायक विकल्प बनाती हैं।
इस दुर्घटना ने एक बार फिर विमानन सुरक्षा मानकों, मेंटेनेंस प्रोटोकॉल और पायलट ट्रेनिंग को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब जांच एजेंसियां भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन के बीच तकनीकी डेटा, मेंटेनेंस रिकॉर्ड और ब्लैक बॉक्स से मिले सबूतों का आदान-प्रदान कर रही हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह दर्दनाक हादसा आखिर क्यों हुआ।
अगर आप चाहें तो मैं इसमें इस विमान का पिछले 30 दिनों का पूरा फ्लाइट ट्रैक और ऑस्ट्रेलिया वाला सफर भी विस्तार से जोड़ सकता हूँ, जिससे रिपोर्ट और प्रामाणिक हो जाएगी।
यह हादसा जिस Boeing 787 विमान (VT-ANB) से हुआ, वह सिर्फ चार दिन पहले तक अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर पूरी तरह सक्रिय था। 8 जून को यह विमान मेलबर्न के टुल्लामरीन एयरपोर्ट पर एयर इंडिया की उड़ान AI308 के रूप में रात 9:08 बजे पहुंचा था, और फिर उसी दिन रात 11:18 बजे उड़ान AI309 बनकर दिल्ली लौट गया। ऑस्ट्रेलिया यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की तकनीकी गड़बड़ी या आपात स्थिति की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई थी।
एयर इंडिया ने 2013 में Boeing 787 विमानों के साथ ऑस्ट्रेलिया के लिए दिल्ली से सिडनी और मेलबर्न तक सीधी उड़ानें शुरू की थीं। मेलबर्न रूट पूरा करने के बाद VT-ANB ने दिल्ली से पेरिस और टोक्यो के लिए उड़ानें भरीं, फिर अहमदाबाद पहुंचा। अहमदाबाद से यह विमान लंदन के लिए रवाना हुआ, जहां घातक हादसा हुआ। इसके बाद इसे लंदन से गोवा जाना था, लेकिन नियति ने इसकी उड़ान यहीं रोक दी।
ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच यात्रा का पैमाना भी बड़ा है—2024 में लगभग 4.5 लाख लोगों ने भारत से ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की, जिससे भारत न्यूज़ीलैंड, चीन, ब्रिटेन और अमेरिका के बाद ऑस्ट्रेलिया का पांचवां सबसे बड़ा यात्री बाजार बन गया।
Qantas और Jetstar के 787 विमान
Jetstar के पास एयर इंडिया जैसे 787-8 विमान के 11 यूनिट हैं, जो मुख्यतः एशिया के लोकप्रिय गंतव्यों जैसे बाली, फुकेत और टोक्यो में उड़ान भरते हैं। वहीं, Qantas के पास 14 Boeing 787-9 विमान हैं, जो 787-8 का लंबा संस्करण है और पर्थ से लंदन, पेरिस, रोम, सिडनी से न्यूयॉर्क, होनोलूलू, सैंटियागो, वैंकूवर, तथा मेलबर्न और ब्रिस्बेन से लॉस एंजेलिस तक के लंबी दूरी के मार्गों पर उड़ते हैं। अब तक Qantas या Jetstar के 787 विमानों में कोई गंभीर घटना दर्ज नहीं हुई है। इसके अलावा United, LATAM और Air New Zealand जैसी कई अन्य एयरलाइंस भी 787 Dreamliner ऑस्ट्रेलिया में संचालित करती हैं।
787 Dreamliner का सुरक्षा रिकॉर्ड और घटनाएं
Boeing 787 Dreamliner का सुरक्षा रिकॉर्ड अब तक काफी अच्छा रहा है। 14 साल की सेवा में अहमदाबाद का यह हादसा इसकी पहली घातक दुर्घटना है। हालांकि, पिछले साल LATAM एयरलाइन के 787 (फ्लाइट LA800) में ऑस्ट्रेलिया से उड़ान भरते समय अचानक 300 फीट (करीब 90 मीटर) की गिरावट आई थी, जिससे 50 यात्री घायल हुए, जिनमें एक की हालत गंभीर थी। जांच में पाया गया कि कैप्टन की सीट आगे खिसककर एक स्विच से टकरा गई थी, जिससे यह अप्रत्याशित गिरावट हुई।
इससे पहले, 2013 में 787 Dreamliner को लिथियम-आयन बैटरी में आग लगने की घटनाओं के चलते वैश्विक स्तर पर कुछ महीनों के लिए ग्राउंड कर दिया गया था। जापान एयरलाइंस, ऑल निप्पॉन एयरवेज और यूनाइटेड एयरलाइंस ने बैटरी के आसपास आग और नुकसान की शिकायत दर्ज की थी। अमेरिकी FAA ने जनवरी 2013 में सभी 787 विमानों को ग्राउंड कर दिया था। बाद में, बैटरी में आग को नियंत्रित करने के लिए तकनीकी सुधार किए गए और तीन महीने बाद इन्हें सेवा में वापस लाया गया।
एकमात्र जीवित यात्री
एयर इंडिया की इस उड़ान में कुल 242 यात्री और क्रू सवार थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, केवल एक यात्री — ब्रिटेन के निवासी विश्वाश कुमार रमेश — इस भयावह हादसे में जीवित बचे। उन्होंने बताया, “टेकऑफ़ के करीब 30 सेकंड बाद एक तेज धमाका हुआ और फिर विमान गिर गया। सब कुछ बहुत तेजी से हुआ, किसी को समझने का मौका ही नहीं मिला।”
विमान में 169 भारतीय नागरिक, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक सवार थे। अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद यह विमान एक आवासीय इलाके में गिरा और वहां मौजूद डॉक्टरों के लिए बने एक होटल से टकरा गया। इस होटल में रह रहे कम से कम 50 मेडिकल छात्र घायल हुए हैं, जिनका इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।
अगर आप चाहें तो मैं इसके साथ अहमदाबाद क्रैश की पूरी टाइमलाइन और रूट मैप भी तैयार कर सकता हूँ, ताकि पूरी घटना का क्रम स्पष्ट हो सके।
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