2025 में TMKOC के 4000+ एपिसोड्स: शो अब भी सुपरहिट
‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ (TMKOC) सिर्फ एक टीवी शो नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका है। 28 जुलाई 2008 को जब यह शो पहली बार सब टीवी पर आया था, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि यह सीरियल एक दिन इतना लंबा सफर तय करेगा। लेकिन आज, 2025 में, यह शो 4000 से भी ज़्यादा एपिसोड पूरे कर चुका है — और खास बात ये है कि इसकी लोकप्रियता में आज भी कोई कमी नहीं आई है।
इस शो की सबसे बड़ी ताकत है इसकी साफ-सुथरी कॉमेडी, परिवार के सभी सदस्यों के लिए मनोरंजन, और हर एपिसोड में छिपा सकारात्मक सामाजिक संदेश। यहाँ सिर्फ हंसी नहीं होती, बल्कि हर एपिसोड के अंत में कुछ ऐसा सिखाया जाता है जो हमारी ज़िंदगी में काम आता है — जैसे कि पड़ोसियों की मदद करना, बच्चों को अच्छे संस्कार देना, बड़ों का सम्मान करना, और समाज में एकजुटता बनाए रखना।
शो की कहानी एक काल्पनिक हाउसिंग सोसायटी — गोकुलधाम सोसायटी — के इर्द-गिर्द घूमती है। यह सोसायटी पूरे भारत की एक झलक दिखाती है, जहाँ अलग-अलग राज्यों, भाषाओं और संस्कृतियों से आए लोग साथ रहते हैं। यहाँ गुजराती हैं, पंजाबी हैं, बंगाली हैं, तमिल हैं, मराठी हैं — यानी एक तरह से यह सोसायटी मिनी इंडिया बन चुकी है। हर किरदार की अपनी अलग पहचान है, और उनकी ज़िंदगी से जुड़ी छोटी-छोटी बातें हमें हंसी भी देती हैं और सिखाती भी हैं।
इस शो की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह समय के साथ चलता है, मतलब जो मुद्दे समाज में चल रहे होते हैं — जैसे पानी की बचत, स्वच्छता, ट्रैफिक रूल्स, ईमानदारी, पड़ोसियों की मदद — इन सभी को मज़ेदार ढंग से दिखाया जाता है। इस वजह से लोग न सिर्फ हँसते हैं, बल्कि सीखते भी हैं।
एक और वजह जो TMKOC को इतना खास बनाती है, वह है इसकी फैमिली फ्रेंडली स्क्रिप्ट। आजकल जब बहुत से टीवी शोज़ या वेब सीरीज़ में गाली-गलौच, हिंसा या नकारात्मकता होती है, वहाँ TMKOC एक ऐसा शो है जिसे पूरा परिवार साथ बैठकर देख सकता है — बिना किसी झिझक के।
इस शो के कुछ किरदार जैसे जेठालाल, दयाबेन, तारक मेहता, बबिता जी, अय्यर साहब, चम्पकलाल, और बाघा-नट्टू काका आज घर-घर में पहचाने जाते हैं। इनकी कॉमिक टाइमिंग और मासूमियत दर्शकों को सालों से पसंद आ रही है।
हालाँकि, इतने लंबे समय में कुछ कलाकारों ने शो छोड़ा भी, जैसे दयाबेन का किरदार निभाने वाली दिशा वकानी की लंबे समय से अनुपस्थिति दर्शकों को खलती है, लेकिन फिर भी शो की लोकप्रियता में कमी नहीं आई। लोग आज भी उम्मीद करते हैं कि दया बेन एक दिन जरूर लौटेंगी।
2025 में जब बहुत से शो आते हैं और कुछ महीनों में ही बंद हो जाते हैं, वहाँ TMKOC ने यह दिखाया है कि अगर कंटेंट अच्छा हो, सच्ची मेहनत हो और दर्शकों की भावनाओं की कद्र की जाए — तो कोई भी शो सालों-साल चल सकता है।
शो के निर्माता असित कुमार मोदी और उनकी टीम ने इस शो को सिर्फ एक कॉमेडी नहीं, बल्कि एक संस्कारशाला बना दिया है — जो बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों सभी को कुछ न कुछ सिखाती है।
इसलिए, TMKOC आज भी सुपरहिट है — क्योंकि यह सिर्फ हँसी नहीं, एक सकारात्मक सोच भी देता है।
प्रमुख किरदार जिन्होंने दिल जीता
जब बात ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की हो, तो किरदारों की टोली ऐसी है जैसे घर के अपने-अपने कमरे — सबके अपने अंदाज़, अपनी आवाज़, और सबका अलग-सा स्वाद। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से किरदार हैं जो इस शो को कॉमेडी का गोलगप्पा बना देते हैं
जेठालाल गड़ा (दिलीप जोशी): हर घर का बिज़ी सेठजी
जेठालाल गड़ा यानी टीवी जगत का सबसे दुखियारा व्यापारी और सबसे बड़ा “बबिता प्रेमी”। उनकी लाइफ में तीन स्थायी परेशानियाँ हैं:
टप्पू की सेना
बापूजी का “संस्कार-बम”
और मोबाइल की EMI नहीं, बबिता जी की स्माइल की भूख!
हर बार जब वो कहते हैं – “बापूजी ये क्या चालू है?”, पूरा भारत हँसते-हँसते लोटपोट हो जाता है।
उनकी दुकान ‘गड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स’ से ज़्यादा तो उनके चेहरे पर दुखों की EMI चलती है।
तारक मेहता (अब सचिन श्रॉफ): सेठजी की फायर ब्रिगेड
जेठालाल के ‘दर्द-हरता मित्र’ — तारक मेहता। चाहे जेठालाल को GST समझना हो या बापूजी से डाँट से बचना हो, तारक बाबू हर मुसीबत में संजीवनी बूटी बन जाते हैं।
अब किरदार निभा रहे हैं सचिन श्रॉफ, और उन्होंने भी बड़ी शांति और समझदारी से इस रोल में जान डाल दी है।
मूल मंत्र: “सच्चे दोस्त वही जो EMI के साथ दुख भी बाँटे।”
बबिता अय्यर (मुनमुन दत्ता): गोकुलधाम की ग्लैमर क्वीन
बबिता जी की एक झलक से जेठालाल के दिल में घंटी बज जाती है (और कभी-कभी मिर्च भी लग जाती है)!
उनकी चाल, स्टाइल और इंग्लिश बोलने का तरीका हर पड़ोसी की आंखों में ‘4G नेटवर्क’ जैसा स्पीड पैदा करता है।
जेठालाल का ड्रीम: “अगर कभी बबिता जी ने चाय के लिए बुला लिया, तो जीवन सफल समझिए।”
चंपकलाल गड़ा: संस्कारों का सुपरसोनिक यंत्र
“जेठिया!” सुनते ही जेठालाल की रीढ़ की हड्डी में करंट दौड़ जाता है।
चंपकलाल जी, अपने अनुभव, डांट और ‘माताजी’ की कृपा से शो को एक आध्यात्मिक दिशा भी देते हैं।
हर बात में नियम, हर डायलॉग में नैतिकता और हर दिन “व्रत उपवास” — ये हैं हमारे संस्कारी दादाजी।
बाघा (तन्मय वेकारिया): सेठजी का राइट हैंड… और कभी-कभी वॉरंट भी!
“सेठजी आफत आ गई है!” — बस, बाघा का इतना कहना होता है और जेठालाल के माथे से पसीना टपकना शुरू हो जाता है।
उनकी गजब की ‘स्लो मोशन’ बात करने की आदत, और बावरी के प्रति उनका प्यार, गड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स में टीवी से ज़्यादा करंट फैला देता है।
बाघा का ड्रीम: एक दिन बावरी को घोड़ी पर बैठाकर ले जाएं, लेकिन हर बार कुछ न कुछ आफत टपक ही जाती है।
आत्माराम भिड़े: सेक्रेटरी साहब विद ‘पावित्रा’ स्वभाव
गोकुलधाम के नियमों के रक्षक, भिड़े मास्टर।
इनकी लाइफ की सबसे बड़ी चुनौती:
टप्पू सेना का आतंक,
माधवी का चटनी का बिजनेस,
और जेठालाल का ‘अनुशासनहीन’ व्यवहार।
डायलॉग क्लासिक: “ये सोसायटी है या मेला?”
पोपटलाल पांडे: कुंवारा, पत्रकार, पर हमेशा तैयार!
पोपटलाल, अपनी छतरी के साथ, शादी की तलाश में निकले ऐसे मुसाफिर हैं जो आज तक स्टेशन ही नहीं छोड़ पाए।
हर बार जब उनकी शादी होने वाली होती है, तो लगता है अबकी बार हो ही जाएगी… लेकिन नहीं!
Catchphrase: “मेरी शादी कब होगी??”
शायद 2030 तक!
अब्दुल: किराना की दुकान, और खबरों का मुख्य स्त्रोत
हर स्कीम, हर योजना, और हर झगड़े की शुरुआत अगर कहीं से होती है — तो वो है अब्दुल की दुकान।
गोकुलधाम का ‘Breaking News’ सेंटर।
Airtime कम, impact ज़्यादा।
नई पीढ़ी की एंट्री (2025): युवाओं का Tadka
अब शो में ताज़गी लाने के लिए कुछ नए चेहरे भी आए हैं —
नई सोनू: जो टप्पू को फिर से परेशान करती है,
नई रौशनी: भिड़े की नई पड़ोसन, जो भिड़े जी के अनुशासन की वाट लगाती है,
बाघा की भांजी: जिसने आते ही बावरी को competition दे दिया!
अब टप्पू सेना का upgraded version आ चुका है — जो WiFi से तेज़, और भिड़े मास्टर से भी शरारती हैं!
गड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स 2.0: Techno-सेठजी की दुकान!
अब गड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स में सिर्फ टीवी और फ्रीज नहीं,
स्मार्टफोन
AI गैजेट्स
स्मार्ट होम डिवाइसेज़
और डिजिटल मार्केटिंग सर्विसेस भी मिलती हैं।
जेठालाल खुद ChatGPT से बात करने लगे हैं! (अरे… यहीं तो!)
सोशल मीडिया ट्रेंड्स: मीम्स के महाराजा
TMKOC के किरदार अब सोशल मीडिया के राजा हैं।
इंस्टा पर बाघा के मीम्स,
ट्विटर पर जेठालाल के “बबिता जी” ट्रेंड्स,
और यूट्यूब पर चंपकलाल के संस्कार वाली क्लिप्स…
हर प्लेटफॉर्म पर गोकुलधाम का कब्ज़ा है।
अब तो पोपटलाल के लिए matrimonial meme pages भी बन चुके हैं!
अंत में:
TMKOC के ये किरदार हमारे लिए सिर्फ कलाकार नहीं, बल्कि परिवार के सदस्य बन चुके हैं।
हर दिन उनकी कहानियों में जो मिठास, जो मासूमियत और जो हँसी होती है — वही इसे भारत का सबसे लंबा चलने वाला, सबसे प्यारा और सबसे दिल से जुड़ा कॉमेडी शो बनाता है।
क्यों है यह शो अब भी खास?
हर दिन नए-नए शोज़ आते हैं, कुछ चमकते हैं, कुछ गुम हो जाते हैं। लेकिन एक शो है जो हर तूफ़ान, हर बदलाव के बावजूद भी सीना तान के खड़ा है — ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ (TMKOC)।
ये शो सिर्फ एक सीरियल नहीं, ये तो जैसे भारत के हर घर का मेहमान बन चुका है — वो भी बिना चाय-पानी के पूछे!
तो आखिर ऐसा क्या है जो इस शो को 4000+ एपिसोड्स के बाद भी ताज़ा, हँसता-गुदगुदाता और सबसे प्यारा बनाता है?
1. क्लीन फैमिली कंटेंट: जहां हर उम्र को मिलती है हँसी की प्लेट
आजकल के शो में जब माँ-बाप बच्चों से कहते हैं, “बेटा ये मत देखो”, वहाँ TMKOC ऐसा शो है जिसमें पूरा परिवार साथ बैठकर देखता है — और कोई चैनल बदलने की ज़रूरत नहीं पड़ती!
दादी-नानी को संस्कार पसंद, मम्मी-पापा को पारिवारिक बातें, बच्चों को टप्पू सेना की मस्ती — और सबको चाहिए हँसी का डोज़!
यह एक ऐसा शो है, जो न टीवी को शर्मिंदा करता है, न दर्शकों को असहज।
रात 8:30 बजे जैसे ही “नेहा मेहता प्रस्तुत…” आता है, घर में सब काम रोककर टीवी के सामने लाइन लगा लेते हैं!
2. हर एपिसोड में सकारात्मकता: दुःख में भी ढूँढ लो हँसी
हर बार जब लगता है कि अब तो जेठालाल की दुकान बंद हो जाएगी, या भिड़े मास्टर अपनी टोपी खा जाएँगे, तब अचानक कोई हल निकल आता है — वो भी मजेदार अंदाज़ में!
यह शो बताता है कि ज़िंदगी में चाहे कितनी भी मुसीबतें हों, जब साथ में परिवार और पड़ोसी हों, तो सब आसान हो जाता है।
हर एपिसोड में कोई छोटा-बड़ा विवाद आता है — लेकिन अंत तक सब गले लगाकर कहते हैं, “गलती हो गई… माफ कर दो।”
और फिर शुरू हो जाता है गरबा, समोसे और हँसी का धमाका!
3. कल्चरल डाइवर्सिटी: एक सोसायटी, पूरे भारत का मेल
गोकुलधाम सोसायटी = छोटा भारत। 🇮🇳
यहाँ जितने फ्लैट्स हैं, उतनी भाषाएं, पहनावे, पकवान और परंपराएँ हैं।
भिड़े की मराठी सख्ती
जेठालाल की गुजराती मस्ती
अय्यर साहब की तमिल समझदारी
रोशन भाभी की पंजाबी फुर्ती
बबिता जी की मॉडर्न स्टाइल
और अब्दुल की यूनिवर्सल दुकान!
यह शो दिखाता है कि हम अलग-अलग होते हुए भी एक हैं।
गोकुलधाम में होली भी धूम से मनती है और ईद-क्रिसमस भी। यहाँ त्यौहारों से ज़्यादा, रिश्तों की मिठास मनाई जाती है।
“गोकुलधाम में सबका साथ, सबका विकास और सबका गरबा होता है!”
4. सामाजिक संदेश: हँसते-हँसते दे जाता है सीख
TMKOC वो शो है, जो बिना कोई भाषण दिए, आपको बहुत कुछ सिखा जाता है।
यहाँ कोई मुद्दा छोटा नहीं होता — पानी बचाओ, सड़क सुरक्षा, हेल्थ अवेयरनेस, झूठ बोलने के नतीजे, पड़ोसी से दुश्मनी और बड़ों का आदर…
सभी बातें मजेदार कहानी में लपेट कर परोसी जाती हैं।
यानी बिना बोर किए, ज्ञान की मिठाई खिला दी जाती है!
और मज़ेदार बात ये कि बच्चे भी सीखते हैं और दादी-नानी भी ताली बजाती हैं।
क्लाइमेक्स में जब सब मिलकर माइक पर बोलते हैं: “इससे हमें यह सिखने को मिलता है…” — तो दर्शक भी सिर हिलाते हैं: “सही कहा भिड़े जी!”
5. ज़माने के साथ बदलता है, फिर भी जड़ें नहीं छोड़ता
जब दुनिया 4G से 5G पर चली गई, TMKOC भी पीछे नहीं रहा।
जेठालाल अब फेसबुक और WhatsApp चलाते हैं,
भिड़े जी ऑनलाइन मीटिंग लेते हैं,
और पोपटलाल शादी के लिए matrimonial ऐप डाउनलोड कर चुके हैं!
गड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स में अब AI गैजेट्स बिकते हैं, लेकिन सेठजी की हालत वही पुरानी है: “सेठजी, आफ़त आ गई है!”
शो हमेशा अप-टू-डेट रहा है, लेकिन अपनी संस्कृति, भाषा और पारिवारिक मूल्यों को कभी नहीं छोड़ा। यही इसकी सबसे बड़ी जीत है।
तो क्या है TMKOC की असली ख़ासियत?
जब जेठालाल बोलते हैं “बापूजी ये क्या चालू है?”, तो हर घर में हँसी गूंजती है।
जब दयाबेन (जिसकी वापसी की सबको उम्मीद है) कहती हैं “हे मां माताजी!”, तो लोगों को पुराने दिन याद आ जाते हैं।
और जब पोपटलाल छतरी लेकर शादी की तलाश में निकलते हैं, तो हर कुंवारे को उम्मीद मिलती है!
TMKOC वो शो है जो थोड़ा हँसाता है, थोड़ा रुलाता है, बहुत कुछ सिखाता है — और दिल से कभी उतरता नहीं।
अगर किसी शो को “परिवार” का दर्जा मिला है, तो वो TMKOC है।
यह शो हमें बताता है कि
“अगर जिंदगी को उल्टा देखें, तो उसमें भी सीधा रास्ता निकलता है — बस चश्मा थोड़ा उल्टा पहनना होता है!”
रिकॉर्ड और उपलब्धियां
4000+ एपिसोड पूरे कर चुका यह शो भारत के सबसे लंबे समय तक चलने वाले टीवी शोज़ में शामिल हो चुका है।
इसे कई बार आईटीए अवॉर्ड्स और लाइव ऑडियंस चॉइस अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया है।
YouTube पर इसके पुराने एपिसोड्स को लाखों व्यूज़ मिलते हैं, जो इसकी स्थायी लोकप्रियता को दर्शाते हैं।
क्या भविष्य में भी रहेगा TMKOC उतना ही मजेदार?
हालांकि पिछले कुछ सालों में टीआरपी थोड़ी कम हुई है और कुछ पुराने फैंस शो की क्वालिटी पर सवाल उठाते हैं, लेकिन निर्माता असित कुमार मोदीऔर उनकी टीम लगातार नई कहानियां, नए मुद्दे और नए किरदारों के जरिए शो को relevant बनाए रखने में लगे हैं।
2025 की बदलती दुनिया में, जहां कंटेंट का ट्रेंड तेजी से बदलता है, वहाँ TMKOC का इतने सालों तक टिके रहना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धिहै।
‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ केवल एक कॉमेडी शो नहीं बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव, एक संस्कृति, और एक स्मृति बन चुका है। 2025 में भी यह शो लोगों को हँसाने, सोचने पर मजबूर करने और समाज को जोड़ने का काम बखूबी कर रहा है।
अगर आपने कभी गोकुलधाम सोसायटी के साथ समय बिताया है, तो आप जानते हैं कि ये सिर्फ किरदार नहीं, बल्कि अपने जैसे लगते हैं।
तारक मेहता की बदलती दुनिया: जब किरदार बदले, पर मस्ती वही रही!
गोकुलधाम का कास्ट चेंज, एक फुल ड्रामा गाइड!
‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा‘ सिर्फ एक कॉमेडी शो नहीं, ये तो हमारे घर की शामों का हिस्सा बन चुका है।
सालों से चल रहा ये शो एक ऐसी आदत बन चुका है जो लोगों को दिनभर की टेंशन से बाहर निकाल देता है — और लाता है एक मुस्कान।
लेकिन जैसा हर लम्बे रिश्ते में होता है, समय के साथ कुछ चेहरे बदल जाते हैं।
इस शो में भी कई पुराने किरदारों ने शो को अलविदा कहा और कुछ नए चेहरे गोकुलधाम का हिस्सा बने।
पर मज़ेदार बात ये है कि – चेहरे भले बदल गए हों, लेकिन उनका स्टाइल, मस्ती, और गोकुलधामी तड़का अब भी बरकरार है!
तो चलिए, एक नजर डालते हैं ‘तारक मेहता की बदलती कास्ट’ पर, वो भी हंसी-मज़ाक के तड़के के साथ
1. तारक मेहता – अब शायर नहीं, सलाहकार बन गए हैं!
पहले: शैलेष लोढ़ा जी का तारक मेहता किरदार था शांत, समझदार और कविता प्रेमी। हर बार जेठालाल की हालत पर गहरी बात कहते थे –
“ज़िंदगी में तनाव है, तो हास्य ही इलाज है!”
अब: सचिन श्रॉफ नए तारक मेहता बने हैं। शुरू में लोगों को थोड़ी झिझक हुई, पर अब धीरे-धीरे दर्शक उन्हें एक्सेप्ट कर रहे हैं।
वो भी जेठालाल को वही “संयम, समाधान और समझदारी” वाला फॉर्मूला दे रहे हैं।
फर्क सिर्फ इतना है – आवाज़ और चेहरे का, लेकिन ‘परम मित्र’ वाली वाइब वही है!
2. अंजलि भाभी – लौकी की मल्लिका बदली, लौकी नहीं!
पहले: नेहा मेहता – बेहद शांत, संस्कारी और जेठालाल के खाने पर स्ट्रिक्ट कंट्रोल रखने वाली।
अब: सुनयना फौजदार – थोड़ी ज्यादा फुल ऑफ एनर्जी हैं, लेकिन डायटिंग का डंडा अब भी वही है।
फर्क बस इतना है कि लौकी अब पहले से ज़्यादा स्टाइल में परोसी जाती है!
3. रोशन भाभी – सोढ़ी जी की पुरानी रोशनी अब ऑफलाइन है!
जेनिफर मिस्त्री यानी ओरिजिनल रोशन भाभी ने शो छोड़ा कुछ विवादों के चलते।
वो अपनी प्यारी पंजाबी-फारसी बातों से सबका दिल जीत लेती थीं।
“सोढ़ी जी, तू तो बहुत रोमांटिक हो गया!”
अब इस डायलॉग की मिठास नई एक्ट्रेस में ढूंढनी होगी — क्योंकि नए चेहरे की तलाश जारी है।
4. बापूजी – उम्र नहीं, हिम्मत बदलती है!
अमित भट्ट अब भी बापूजी के रोल में एक्टिव हैं। हां, कभी-कभी सोशल मीडिया पर उनकी छुट्टी या हेल्थ को लेकर अफवाहें उड़ती रहती हैं।
लेकिन जब तक बापूजी का “जेठिया!” वाला गुस्सा नहीं सुनाई देता, शो अधूरा लगता है।
नियम कायदे और अनुशासन – गोकुलधाम का असली संविधान बापूजी ही हैं!
5. दयाबेन – जिनकी कमी आज भी सबसे ज़्यादा खलती है!
शो की जान! दिशा वकानी की “हाय हाय हाय!” और “गोपाला!” की हँसी लोगों के कानों में आज भी गूंजती है।
2017 से मेटरनिटी लीव पर गईं और अब तक वापसी नहीं हुई। कई बार रूमर्स आते हैं, लेकिन कोई पक्का जवाब नहीं।
फैंस की गुहार: या तो दिशा जी को वापस लाओ, या बिल्कुल वैसी ही आवाज़ और हँसी वाली नई दया भाभी ढूंढो!
6. सोनू – मासूमियत से स्मार्टनेस तक का सफर!
शो की ‘चाइल्ड आर्टिस्ट’ सोनू अब तक तीन बार बदली जा चुकी हैं।
पहले: झील मेहता, फिर निधि भानुशाली, और अब पलक सिंघी।
हर सोनू अपने टाइम पर क्यूट लगी, लेकिन फैंस अब भी निधि भानुशाली को मिस करते हैं।
पलक ने नई पीढ़ी के टच के साथ सोनू को मॉडर्न और समझदार बना दिया है।
7. नए किरदारों की एंट्री – शो को मिला नया जोश!
2024-25 में शो में कुछ नए चेहरों की एंट्री हुई –
बाघा की भांजी “रौशनी”
न्यू जेनेरेशन सोनू
और कुछ छोटे-मोटे साइड किरदार जो कहानी को नया मोड़ देते हैं।
इन सबने शो में यंगनेस और सोशल मीडिया फ्रेंडली वाइब जोड़ दी है!
क्या कहते हैं दर्शक?
कुछ दर्शक नए चेहरों को एक्सेप्ट नहीं कर पाते, लेकिन ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की टीम ये बखूबी जानती है कि
हर किरदार की आत्मा उसकी पहचान है – और वही बचाए रखी गई है।
सोशल मीडिया पर मीम्स उड़ते हैं, लेकिन TRP अब भी कहती है –
“गोकुलधाम वालों की जगह कोई नहीं ले सकता!”
शो बदला है, लेकिन प्यार नहीं!
‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा‘ अब भी लोगों की पहली पसंद है, क्योंकि वो सिर्फ किरदार नहीं दिखाता –
वो हर भारतीय मोहल्ले की आत्मा को दिखाता है।
चेहरे चाहे बदल जाएं, लेकिन मस्ती, संस्कार, कॉमेडी और सोशल मैसेज वही पुराने वाले हैं।