Uppu Kappurambu: 4 कब्रें, 9 नाम और हलचल
Uppu Kappurambu: 4 कब्रें, 9 नाम और हलचल – एक फिल्म जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी :- आज मैं आपके लिए एक ऐसी अनोखी फिल्म लेकर आया हूँ जिसे देखने के बाद आप हैरान रह जाएंगे। ये कोई आम मसाला फिल्म नहीं है, बल्कि इसमें आपको गहरी कहानी, धमाल कॉमेडी, और जबरदस्त मनोरंजन – सब कुछ भरपूर मिलेगा। इस फिल्म का नाम है – “Uppu Kappurambu”।
“Uppu Kappurambu” एक मल्टी-लैंग्वेज फिल्म है जो हिंदी, इंग्लिश और साउथ इंडियन भाषाओं में उपलब्ध है। मतलब आप इसे अपनी पसंदीदा भाषा में बड़े आराम से देख सकते हैं।
लेकिन इस फिल्म की सबसे ख़ास बात ये है कि ये सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए नहीं बनी — इसकी कहानी एक गहरे सामाजिक मुद्दे पर आधारित है, जो आज के समय में बहुत ज़रूरी है समझना। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक छोटे से गांव में 4 रहस्यमयी कब्रें, 9 नाम और उनसे जुड़ी अजीब घटनाएँ पूरे इलाके में हलचल मचा देती हैं।
फिल्म की स्क्रिप्ट में थ्रिल, इमोशन, कॉमेडी और ड्रामा – सब कुछ है। साथ ही, यह फिल्म समाज को एक सशक्त मैसेज भी देती है कि कैसे हम अपनी ही बनाई सोच और रिवाजों के जाल में उलझते चले जाते हैं।
दमदार कलाकारों की टोली
इस फिल्म की स्टारकास्ट भी बेहद दमदार है। हर एक किरदार आपको अपनी छाप छोड़ता है। जिन-जिन एक्टर्स को इस फिल्म में कास्ट किया गया है, उनके नाम नीचे दिए गए हैं:
[एक्टर 1 का नाम] – मुख्य भूमिका में
[एक्टर 2 का नाम] – कॉमिक टच के लिए जाने जाते हैं
[एक्टर 3 का नाम] – सामाजिक किरदार में शानदार अभिनय
[एक्ट्रेस 1 का नाम] – इमोशनल रोल में जान फूंक दी
और भी कई चेहरे जिन्होंने अपने अभिनय से फिल्म में जान डाल दी
(यदि आपके पास असली कलाकारों के नाम हैं तो यहाँ डालें, वरना placeholders रखे गए हैं)
एक फिल्म जो हर भाषा में बोले
“Uppu Kappurambu” की एक और सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह फिल्म मल्टी-लैंग्वेज रिलीज़ है। यानी न केवल साउथ इंडिया, बल्कि नॉर्थ इंडिया और इंटरनेशनल ऑडियंस भी इसे आसानी से एन्जॉय कर सकते हैं।
क्यों देखें ये फिल्म?
अगर आप थोड़ी हटकर कहानियाँ पसंद करते हैं…
अगर आपको लगता है कि फिल्मों को सिर्फ हँसाने या रुलाने के बजाय कुछ कहने का भी ज़रिया होना चाहिए…
अगर आप सोशल मैसेज के साथ मसालेदार एंटरटेनमेंट चाहते हैं…
तो फिर “Uppu Kappurambu” आपके लिए एक परफेक्ट चॉइस है।
movie name :- Uppu Kappurambu
आज मैं आपके लिए एक ऐसी दिलचस्प और सस्पेंस से भरी फिल्म लेकर आया हूँ जो न सिर्फ आपको मनोरंजन देगी, बल्कि एक गहरी सोच भी दे जाएगी। इस फिल्म का नाम है – “Uppu Kappurambu”, जो हाल ही में रिलीज़ हुई है और दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बन चुकी है।
फिल्म की खासियत क्या है?
इस मूवी की कहानी कुछ अलग और हटकर है। इसमें चार रहस्यमयी कब्रें, 9 अजीब नाम, और उनके पीछे छिपे गहरे सामाजिक राज़ हैं, जो आपको फिल्म के अंत तक बांधे रखेंगे। यह फिल्म न सिर्फ एंटरटेनिंग है, बल्कि समाज को एक आईना भी दिखाती है – कि कैसे कुछ पुराने रिवाज़ और मानसिकताएं आज भी हमारी जिंदगी को प्रभावित कर रही हैं।
इस मूवी में आपको मिलेगा:
दमदार कहानी
भरपूर कॉमेडी और मनोरंजन
समाज पर प्रहार करता हुआ संदेश
शानदार एक्टिंग और विज़ुअल्स
भाषा की कोई दीवार नहीं!
Uppu Kappurambu एक डुअल ऑडियो फिल्म है, जो हिंदी और तेलुगु दोनों भाषाओं में उपलब्ध है। इसलिए साउथ इंडियन दर्शक हो या नॉर्थ इंडियन – हर कोई इस फिल्म का पूरा आनंद ले सकता है। यह मूवी सभी प्रमुख ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है और अलग-अलग क्षेत्रों के दर्शकों को जोड़ने का काम करती है।
स्टारकास्ट और निर्देशक
इस फिल्म में कुछ बेहद टैलेंटेड और अनुभवी कलाकारों को कास्ट किया गया है। हर एक किरदार अपने आप में खास है, और उनकी परफॉर्मेंस फिल्म को और भी मजबूत बनाती है।
Director:
👉 Ani I. V. Sasi – जिन्होंने इस फिल्म को एक शानदार विजन के साथ निर्देशित किया है। उन्होंने कहानी को जिस तरीके से पर्दे पर उतारा है, वो काबिल-ए-तारीफ है।
Star Cast:
🎭 Keerthy Suresh – जिनकी एक्टिंग में हमेशा एक गहराई होती है, और इस फिल्म में उन्होंने अपने किरदार में जान डाल दी है।
🎭 Subhalekha Sudhakar – साउथ इंडस्ट्री के जाने-माने चेहरे, जिनका अनुभव फिल्म को नई ऊंचाई देता है।
🎭 Vishnu Oi
🎭 Avinash Varma
🎭 Shatru
🎭 Babu Mohan
🎭 Duvvasi Mohan
🎭 Rameshwari
🎭 Suhas
इन सभी कलाकारों ने अपने-अपने किरदारों को इस तरह निभाया है कि आप हर एक सीन में उन्हें महसूस कर पाएंगे।
“Uppu Kappurambu”?
अगर आप:
कुछ अलग और हटकर देखना चाहते हैं,
एक सामाजिक मुद्दे पर बनी फिल्म से प्रभावित होना चाहते हैं,
और साथ ही हल्की-फुल्की कॉमेडी और थ्रिल का मज़ा लेना चाहते हैं…
तो “Uppu Kappurambu” आपके लिए एक परफेक्ट फिल्म है।
यह फिल्म आपको हंसाएगी भी, सोचने पर मजबूर भी करेगी, और दिल से जुड़ भी जाएगी।
“Uppu Kappurambu” एक ऐसी फिल्म है जो दिखाती है कि मनोरंजन और संदेश साथ-साथ कैसे चल सकते हैं। यह फिल्म सिर्फ देखने के लिए नहीं, महसूस करने के लिए है।
अगर आपने अब तक नहीं देखी है, तो जरूर देखिए – और जानिए कि चार कब्रों और 9 नामों के पीछे छिपा है कौन-सा सच जो सबको हिला देता है।

Film story :-
Uppu Kappurambu: 4 कब्रें, 9 नाम, और एक गाँव की रहस्यमयी परंपरा – कहानी जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी
आज मैं आपके लिए एक ऐसी फिल्म लेकर आया हूँ, जो सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि एक अनुभव है। एक ऐसा अनुभव जो आपको हँसाएगा भी, सोचने पर मजबूर भी करेगा, और कहीं न कहीं आपके दिल को भी छू जाएगा।
इस फिल्म का नाम है – “Uppu Kappurambu”।
यह फिल्म उन फिल्मों में से एक है जो शुरू तो मनोरंजन से होती है, लेकिन जैसे-जैसे इसकी परतें खुलती जाती हैं, आपको महसूस होता है कि इसमें छुपा है एक गहरा सामाजिक संदेश, थोड़ा व्यंग्य, और थोड़ी हकीकत भी।
मनोरंजन से आगे की सोच
“Uppu Kappurambu” को सिर्फ एक कॉमेडी फिल्म समझ लेना इस फिल्म के साथ अन्याय होगा। यह फिल्म व्यंग्यात्मक लहजे में समाज की कुछ ऐसी कड़वी सच्चाइयों को उजागर करती है, जिन पर हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
यह फिल्म आपको यह सोचने पर मजबूर करेगी कि—
हम परंपराओं के नाम पर क्या-क्या मानते हैं?
क्या हमारे फैसले आज भी अंधविश्वास पर टिके हैं?
क्या गाँव की समस्याएँ सच में ‘मृत शरीर को दफ्नाने’ से हल हो सकती हैं?
और सबसे बड़ी बात – क्या युवा नेतृत्व सच में बदलाव ला सकता है?
भाषा की कोई सीमा नहीं
“Uppu Kappurambu” की एक और खास बात यह है कि यह फिल्म डुअल ऑडियो में उपलब्ध है – हिंदी और तेलुगु में, जिससे यह अलग-अलग भाषा बोलने वाले दर्शकों के बीच सेतु बनाती है।
साउथ इंडिया की सिनेमैटिक गुणवत्ता और नॉर्थ इंडिया के दर्शकों की सोच – दोनों को ध्यान में रखकर बनाई गई इस फिल्म को देखकर आप महसूस करेंगे कि सिनेमा किसी भाषा का मोहताज नहीं होता।
गाँव की परंपरा से शुरू, राजनीति और नेतृत्व तक पहुँची कहानी
इस फिल्म की कहानी एक साधारण से गाँव से शुरू होती है, जहाँ लोग अपने मृतकों को जलाने के बजाय उत्तर दिशा में दफ्न करते हैं। इसके पीछे का कारण सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि एक प्राचीन पंडित की भविष्यवाणी और अंधविश्वास है।
समय के साथ ये परंपरा गाँव की संस्थागत सोच बन जाती है, और हर मृत्यु के साथ उस गाँव की मिट्टी में एक नई कब्र जुड़ जाती है।
लेकिन जब एक दिन गाँव के सरपंच की मृत्यु होती है और उसकी बेटी को सरपंच बनाने की बात आती है, तब कहानी एक नया मोड़ लेती है।
वो लड़की, जो खुद को इस ज़िम्मेदारी के काबिल नहीं समझती, धीरे-धीरे अपने दादा से ज्ञान लेती है, गाँव के राजनीतिक खेल को समझती है, और एक सशक्त नेता बनने की ओर कदम बढ़ाती है।
सवाल, संघर्ष और समाधान
गाँव के लोग जब उस लड़की से सवाल करते हैं, तो वो बहादुरी से जवाब देती है। लेकिन तब एक सबसे कठिन सवाल सामने आता है —
“गाँव में अब केवल चार कब्रों की जगह बची है। इसके बाद क्या होगा?”
यह सवाल केवल एक जगह की समस्या नहीं, बल्कि समाज की सोच और सीमाओं की समस्या है।
उस लड़की का संघर्ष यही है – सिर्फ जवाब देना नहीं, बल्कि समाज को नई सोच देना।
कॉमेडी के रंग में सामाजिक व्यंग्य
हँसी में छुपा गहरा संदेश – “Uppu Kappurambu” की सबसे बड़ी खूबी
इस फिल्म की सबसे बड़ी खूबी यही है कि यह अपने भीतर छिपे गंभीर और संवेदनशील मुद्दों को भी हँसी और व्यंग्य के माध्यम से इस तरह पेश करती है कि दर्शक ना सिर्फ मनोरंजन करते हैं, बल्कि अनजाने में ही सोचने पर मजबूर हो जाते हैं।
जहाँ आमतौर पर सामाजिक संदेश देने वाली फिल्में कुछ समय बाद भारी और गंभीर लगने लगती हैं, वहीं “Uppu Kappurambu” आपको एक भी पल के लिए बोझिल या उपदेशात्मक महसूस नहीं होने देती।
फिल्म का हर सीन, हर स्थिति, और हर संवाद इस तरह लिखा गया है कि उसमें एक हल्कापन, एक मासूमियत, और साथ ही एक तीखा कटाक्ष भी मौजूद रहता है। यही संतुलन फिल्म को आम सामाजिक ड्रामा से अलग बनाता है।
हर किरदार बना है एक प्रतीक
इस फिल्म में जो भी किरदार हैं – चाहे वो मुख्य भूमिका में हों या सहायक भूमिका में – हर एक का अपना एक ठोस उद्देश्य, अलग व्यक्तित्व, और एक गहराई है।
कोई पुरानी सोच का प्रतीक है,
कोई नवयुवक उम्मीद का चिह्न,
तो कोई सत्ता और राजनीति की सच्चाई।
हर किरदार आपको जीवन से जुड़ा लगेगा – ऐसा लगेगा जैसे आप उन्हें जानते हैं, आपने कभी-न-कभी कहीं देखा है या उनसे मिले हैं। उनकी ज़िंदगी के सवाल आपके सवाल बन जाते हैं, और उनके जवाब आपको खुद के अंदर झाँकने को मजबूर कर देते हैं।
संवाद जो दिल में उतर जाएँ
फिल्म के संवादों की बात करें तो उनमें सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि भावनाओं की परतें, हास्य की चमक, और सत्य की तीखी धार छिपी होती है।
कुछ संवाद तो ऐसे हैं जो आपको हँसाते हुए, सीधा दिल में उतर जाते हैं। यही इस फिल्म की ताकत है – वो आपको हँसाते हुए गहरी बात कह जाती है, और आपको पता भी नहीं चलता कि कब आप मनोरंजन से सोच में बदल गए।
मनोरंजन के साथ-साथ संदेश का मेल
“Uppu Kappurambu” सिर्फ एक फिल्म नहीं है, बल्कि एक दर्पण है जो समाज को उसकी असल तस्वीर दिखाने की कोशिश करता है – परंतु हँसते-हँसते, सहजता से, बिना बोझ डाले।
इस फिल्म में हर सीन केवल स्क्रीन पर नहीं चलता – वो आपके ज़हन में गूंजता है, और आपको याद दिलाता है कि हँसी सिर्फ मज़ाक नहीं होती, वो बदलाव का माध्यम भी हो सकती है।
जब सिनेमा समाज का आइना बनता है
“Uppu Kappurambu” हमें याद दिलाती है कि असली सिनेमा वही है जो समाज से जुड़ता है, और दर्शकों के दिलों में सवाल छोड़ जाता है।
यह फिल्म सिर्फ एक आर्टिस्टिक प्रयास नहीं, बल्कि सोच बदलने की कोशिश भी है।
क्यों ज़रूर देखनी चाहिए ये फिल्म?
अगर आप सामाजिक मुद्दों को हल्के-फुल्के तरीके से समझना चाहते हैं,
अगर आप ऐसी फिल्में पसंद करते हैं जो कहानी के साथ एक मकसद भी देती हैं,
अगर आप युवा नेतृत्व और बदलती सोच को पर्दे पर देखना चाहते हैं…
तो “Uppu Kappurambu” एक ऐसी फिल्म है जो आपको निराश नहीं करेगी।
फिल्म की मूल कहानी
यह कहानी एक ऐसे गाँव की है, जहाँ एक अजीब परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस गाँव में, जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी शवयात्रा नहीं निकाली जाती, और न ही उसे जलाया जाता है, बल्कि उत्तर दिशा में ज़मीन में दफ्न कर दिया जाता है।
लेकिन इस परंपरा के पीछे छुपा है एक रहस्यमय कारण…
गाँव में कभी नहीं होती थी बारिश
गाँव के बुजुर्गों के अनुसार, एक समय ऐसा था जब वहाँ बारिश बिल्कुल नहीं होती थी, जिससे किसानों की खेती चौपट हो जाती थी और पूरा गाँव भुखमरी की कगार पर पहुँच गया था। तब गाँव के लोगों ने एक पंडित को बुलाया।
पंडित ने कहा कि यदि गाँव में कोई भी मरता है, तो उसकी चिता न जलाई जाए, बल्कि उसे गाँव के उत्तर दिशा में दफ्न किया जाए। ऐसा करने से गाँव में बारिश होगी और समृद्धि वापस आएगी।
लोगों ने इस परंपरा को अपनाया – और चमत्कार हुआ! गाँव में बारिश हुई, फसलें लहलहाईं, और गाँव धीरे-धीरे आर्थिक रूप से मजबूत होता गया।
फिर आता है मोड़ – सरपंच की मौत और बेटी की चुनौती
समय बीतता है और एक दिन गाँव के सरपंच का निधन हो जाता है। सरपंच की एकमात्र बेटी होती है, जिसे समाज के लोग सरपंच की कुर्सी सौंप देते हैं। लेकिन लड़की खुद को इस लायक नहीं समझती।
उसकी माँ और दादाजी उसे समझाते हैं कि यदि गाँव को फिर से समस्याओं से बचाना है, तो उसे ही नेतृत्व संभालना होगा, नहीं तो गाँव एक बार फिर दुकाल (सूखा) और बर्बादी की तरफ लौट सकता है।
नई सरपंच बनने की राह
वो लड़की अपनी जिम्मेदारी समझती है और दादाजी से सीखती है कि गाँव में कौन लोग उसका विरोध कर सकते हैं, और क्या सवाल पूछे जा सकते हैं। फिर वो गाँव के चौराहे पर जाती है, जहाँ गाँव वाले उससे सवाल पूछते हैं।
वो हिम्मत और समझदारी से हर सवाल का जवाब देती है।
लेकिन तभी एक व्यक्ति सवाल करता है –
वो व्यक्ति गाँव का ही दफ़्नाने वाला होता है, और कहता है:
“गाँव में अब केवल चार कब्रों की जगह बची है… उसके बाद हम किसे दफ्नाएँगे?”
यह सुनकर लड़की चौंक जाती है, और दो दिन का समय मांगती है ताकि वो इस समस्या का हल ढूंढ सके। लेकिन गाँव की हर दिशा, हर ज़मीन को देखने के बाद भी, उसे कोई नया दफ्नाने का स्थान नहीं मिलता।
4 कब्रें और 9 नाम – एक अजीब प्रस्ताव
फिर वो उसी दफ्नाने वाले व्यक्ति के पास जाती है और कहती है कि मरने की कगार पर मौजूद लोगों की एक सूची बनाई जाए, ताकि निर्णय लिया जा सके कि कब्र किसे मिलेगी।
वो आदमी गाँव में जाता है और 9 लोगों की सूची लाकर देता है, जिनकी तबियत नाजुक है और वे मरने के करीब हैं। फिर वो लड़की सबके सामने यह सूची पढ़ती है और कहती है:
“इनमें से जो पहले मरेगा, उसे ही कब्र की जगह मिलेगी।”
लेकिन गाँव वाले इस फैसले से सहमत नहीं होते। तब वो लड़की एक नया प्रस्ताव लाती है – एक चिट्ठी प्रणाली जिसमें जिसका नाम निकलेगा, उसे ही कब्र की जगह दी जाएगी।
मनोरंजन और सामाजिक व्यंग्य का मेल
इस फिल्म में यह केवल एक समस्या नहीं – बल्कि ऐसे कई क़िस्से हैं जो हँसी, सोच, और भावनाओं से भरे हुए हैं। यह फिल्म व्यंग्यात्मक रूप में समाज की उन परंपराओं को दिखाती है, जो आज भी कुछ गाँवों में मान्य हैं।
स्टार कास्ट और निर्देशक
निर्देशक: Ani I. V. Sasi
मुख्य कलाकार:
Keerthy Suresh
Subhalekha Sudhakar
Vishnu Oi
Avinash Varma
Shatru
Babu Mohan
Duvvasi Mohan
Rameshwari
Suhas
फिल्म उपलब्धता
यह फिल्म डुअल ऑडियो (हिंदी + तेलुगु) में उपलब्ध है, और आप इसे आसानी से ऑनलाइन स्ट्रीम या डाउनलोड कर सकते हैं।
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