Reliance Jio नेटवर्क डाउन: दिल्ली, मुंबई में बड़ी दिक्कत
देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनी Reliance Jio के लाखों ग्राहकों को सोमवार रात अचानक नेटवर्क समस्या का सामना करना पड़ा। रात 8:10 बजे के आसपास शुरू हुई इस दिक्कत ने खासकर 5G यूजर्स को प्रभावित किया, जबकि कुछ 4G ग्राहकों ने भी कनेक्टिविटी में रुकावट की शिकायत की।
कॉलिंग, इंटरनेट ब्राउज़िंग और मैसेजिंग सेवाओं में आंशिक या पूरी तरह से बाधा आई, जिससे न केवल आम यूजर्स बल्कि छोटे-बड़े व्यवसाय और इमरजेंसी सर्विसेज़ भी प्रभावित हुईं।
5G नेटवर्क पर सबसे ज़्यादा असर
टेलीकॉम विशेषज्ञों के अनुसार, यह आउटेज मुख्य रूप से Reliance Jio 5G नेटवर्क पर दर्ज किया गया। 5G के तेज़ डेटा स्पीड और लो-लेटेंसी पर निर्भर यूजर्स ने अचानक नेटवर्क ड्रॉप का अनुभव किया। हालांकि, 4G नेटवर्क पर भी कुछ यूजर्स ने कॉल ड्रॉप और इंटरनेट स्लो होने जैसी समस्याएं रिपोर्ट कीं।
एक यूज़र ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
“काम के बीच अचानक इंटरनेट चला गया, कॉल भी नहीं हो रही थी। Jio से ऐसी उम्मीद नहीं थी।”
किन शहरों में हुई समस्या?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह समस्या शुरुआत में देश के छह बड़े महानगरों — दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और कोच्चि — में देखी गई। बाद में रिपोर्ट्स आईं कि गुजरात और राजस्थान के कई हिस्सों में 5G यूजर्स को सबसे अधिक दिक्कत का सामना करना पड़ा।
कई छोटे शहरों के यूजर्स ने भी शिकायत की, हालांकि वहाँ कनेक्टिविटी कुछ ही मिनटों में बहाल हो गई थी।
कितनी शिकायतें दर्ज हुईं?
नेटवर्क आउटेज को ट्रैक करने वाली वेबसाइट DownDetector के अनुसार:
11,000+ शिकायतें कुल मिलाकर दर्ज हुईं।
इनमें से 81% कॉल (मोबाइल सिग्नल) से संबंधित थीं।
13% यूजर्स ने मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या बताई।
6% ने अन्य समस्याओं जैसे मैसेजिंग, नेटवर्क रजिस्ट्रेशन और VoLTE फेलियर का ज़िक्र किया।
इन आंकड़ों से साफ है कि इस बार सबसे बड़ा असर कॉलिंग सर्विस पर पड़ा, जबकि मोबाइल इंटरनेट पर असर अपेक्षाकृत कम था।
तकनीकी टीम की तेज़ कार्रवाई
टेलीकॉम विशेषज्ञों ने बताया कि Jio की टेक्निकल टीम ने तुरंत समस्या को पहचानकर लगभग एक घंटे के भीतर नेटवर्क बहाल कर दिया।
एक इंडस्ट्री एनालिस्ट ने बताया:
“इस तरह के आउटेज के कई कारण हो सकते हैं — कोर नेटवर्क में सॉफ्टवेयर अपडेट की गड़बड़ी, फाइबर बैकहॉल लिंक में फॉल्ट, या DNS सर्वर की समस्या। हालांकि, Jio की प्रतिक्रिया समय तेज़ थी और आउटेज को जल्दी सुलझा लिया गया।”
संभावित कारण
हालांकि Jio की ओर से आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है, लेकिन टेलीकॉम टेक्नोलॉजी से जुड़े विशेषज्ञ मानते हैं कि:
5G कोर नेटवर्क अपडेट के दौरान तकनीकी गड़बड़ी हो सकती है।
डेटा सेंटर या सर्वर में अस्थायी फॉल्ट आने से नेटवर्क रूटिंग प्रभावित हुई।
ऑप्टिकल फाइबर बैकबोन में डिस्कनेक्शन से बड़े क्षेत्रों में सिग्नल ड्रॉप हुआ।
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
आउटेज के दौरान सोशल मीडिया पर #JioDown, #Jio5G और #NetworkIssue जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
कुछ यूजर्स ने मीम्स पोस्ट कर मज़ाक बनाया — “5G स्पीड इतनी तेज़ कि नेटवर्क ही भाग गया”।
कुछ ने बिज़नेस कॉल मिस होने और वर्क-फ्रॉम-होम पर असर पड़ने की शिकायत की।
कुछ ने चिंता जताई कि इस तरह की गड़बड़ी इमरजेंसी सर्विस कॉल्स पर असर डाल सकती है।
कंपनी की प्रतिक्रिया
इस घटना पर Reliance Jio की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रेस रिलीज़ नहीं आई है। हालांकि, कस्टमर सपोर्ट चैट और कॉल्स के ज़रिए कंपनी ने कई यूजर्स को आश्वासन दिया कि यह अस्थायी तकनीकी गड़बड़ी थी और अब नेटवर्क पूरी तरह बहाल हो चुका है।
क्या भारत में नेटवर्क आउटेज बढ़ रहे हैं?
पिछले दो सालों में भारत में टेलीकॉम नेटवर्क आउटेज के मामले बढ़े हैं, खासकर 4G से 5G ट्रांजिशन के दौरान। मार्च 2024 में भी Jio और Airtel के नेटवर्क में लगभग आधे घंटे का आउटेज दर्ज किया गया था, जिसे सर्वर रूटिंग की गड़बड़ी बताया गया था।
एक विशेषज्ञ ने कहा:
“5G नेटवर्क में बहुत जटिल इंफ्रास्ट्रक्चर और सॉफ्टवेयर मैनेजमेंट की जरूरत होती है। छोटी-सी गलती भी लाखों यूजर्स को प्रभावित कर सकती है।”
इस तरह के मामलों से साफ है कि टेलीकॉम कंपनियों को अपने नेटवर्क रेडंडेंसी सिस्टम और बैकअप प्लान्स को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में किसी भी तकनीकी गड़बड़ी का असर कम से कम समय में खत्म किया जा सके।
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं (X / Twitter से उद्धृत)

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर सोमवार रात 8:15 बजे के बाद अचानक पोस्ट्स और शिकायतों की बाढ़ आ गई। नेटवर्क आउटेज की वजह से लोग पूरी तरह से कनेक्टिविटी से कट गए थे, और इस निराशा का सबसे ज़्यादा असर यूजर्स के शब्दों में झलक रहा था।
एक यूज़र ने अपनी नाराज़गी व्यक्त करते हुए लिखा:
“Jio network here was completely down from 8:15 PM yesterday, all of a sudden. There was literally no network coverage for hours. You couldn’t even make a call or send a text msg.”
इस संदेश से साफ है कि आउटेज सिर्फ कुछ मिनटों का नहीं, बल्कि कई घंटों तक जारी रहा। ऐसे में लोग न तो अपने परिवार से बात कर पा रहे थे और न ही बिज़नेस या ऑफिस से जुड़े जरूरी कॉल्स कर पा रहे थे। डिजिटल पेमेंट्स और OTP आधारित बैंकिंग सर्विस का इस्तेमाल करने वाले लोग भी असुविधा में पड़ गए।
एक अन्य यूज़र ने लिखा:
“Jio is down! Massive outage just hit—can’t make calls, no signal at all. The spike says it all.”
यह पोस्ट DownDetector के ग्राफ का हवाला देता था, जिसमें शाम 8:10 बजे के बाद शिकायतों में अचानक तेज़ उछाल दिखा। यह उछाल इतना तीव्र था कि कुछ ही मिनटों में रिपोर्टेड समस्याओं की संख्या 11,000 से ऊपर पहुंच गई।
कुछ यूज़र्स ने गुस्से में मीम्स बनाए—जिनमें 5G स्पीड को ‘इतनी तेज़’ बताया गया कि नेटवर्क खुद ही गायब हो गया। एक मीम में लिखा था, “Jio 5G: Blink and it’s gone”।
दूसरी तरफ, कई लोगों ने व्यावहारिक दिक्कतें भी साझा कीं:
एक वर्क-फ्रॉम-होम प्रोफेशनल ने शिकायत की कि उनके मीटिंग लिंक तक वे पहुंच ही नहीं पाए।
एक कॉलेज स्टूडेंट ने बताया कि उनका ऑनलाइन एग्जाम बीच में ही रुक गया।
एक छोटे दुकानदार ने कहा कि ग्राहकों को पेमेंट करने में दिक्कत हो रही थी, क्योंकि UPI ट्रांज़ैक्शन बार-बार फेल हो रहा था।
कुछ यूज़र्स ने इमरजेंसी सर्विसेज़ पर भी सवाल उठाए। एक ट्वीट में लिखा था:
“Imagine someone needing urgent medical help and not being able to make a call. This is scary.”
इससे साफ झलकता है कि आउटेज का असर केवल सुविधा पर नहीं, बल्कि लोगों की सुरक्षा और आपातकालीन संचार पर भी पड़ सकता था।
कई लोगों ने इस घटना को Jio के 5G नेटवर्क की “सबसे बड़ी परीक्षा” कहा। हालांकि, जब तकनीकी टीम ने लगभग एक घंटे में समस्या सुलझा दी, तो कुछ यूजर्स ने उनकी तेज़ कार्रवाई की तारीफ भी की। फिर भी, इस बात पर सहमति रही कि इस तरह की बड़ी गड़बड़ी के बारे में कंपनी को तुरंत आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए था, ताकि अफवाहें और चिंता न फैलतीं
लगातार तीसरी बार आउटेज
7 जुलाई 2025 का यह आउटेज Reliance Jio के लिए सिर्फ एक तकनीकी बाधा नहीं था, बल्कि पिछले एक महीने में कंपनी की विश्वसनीयता पर चौथा बड़ा धक्का था। Jio, जो खुद को भारत का सबसे तेज़ और भरोसेमंद नेटवर्क बताता है, पिछले कुछ हफ्तों में बार-बार सेवा में रुकावट का सामना कर रहा है।
पिछले एक महीने की आउटेज टाइमलाइन
16 जून 2025 — केरल में नेटवर्क डाउन:
दोपहर के बाद से शाम तक केरल के कई जिलों — तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, कोझिकोड और कन्नूर — में Jio यूजर्स को कॉल और इंटरनेट सेवा से पूरी तरह वंचित रहना पड़ा। कंपनी ने इसे “फाइबर कट” का मामला बताया, जो कथित रूप से भारी बारिश और बाढ़ के कारण हुआ। प्रभावित इलाकों में बैंकिंग, ई-कॉमर्स और ऑनलाइन क्लासेज़ जैसी डिजिटल सेवाओं पर बड़ा असर पड़ा।29 जून 2025 — गुजरात में गंभीर नेटवर्क समस्या:
अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट जैसे प्रमुख शहरों में 5G और 4G दोनों नेटवर्क पर यूजर्स ने गंभीर कनेक्टिविटी समस्या दर्ज की। यह आउटेज लगभग 45 मिनट तक चला, लेकिन कुछ इलाकों में इंटरनेट और कॉलिंग एक घंटे से अधिक समय तक बंद रहे। कंपनी ने इसे “कोर नेटवर्क अपग्रेड” के दौरान आई तकनीकी दिक्कत बताया।1 जुलाई 2025 — मध्य प्रदेश में बड़ी गड़बड़ी:
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर सहित कई बड़े शहरों में अचानक नेटवर्क पूरी तरह ठप हो गया। कई यूजर्स ने सोशल मीडिया पर शिकायत की कि उन्हें “No Service” का मैसेज आ रहा है। कंपनी ने दावा किया कि सेवा एक घंटे में बहाल कर दी गई, लेकिन स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, कई जगहों पर यह समस्या 2 घंटे से ज्यादा चली।7 जुलाई 2025 — राष्ट्रीय स्तर पर असर डालने वाला आउटेज:
दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और कोच्चि जैसे महानगरों के साथ-साथ गुजरात और राजस्थान में 5G यूजर्स को सबसे ज्यादा दिक्कत हुई। DownDetector पर 11,000+ शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें 81% कॉलिंग से जुड़ी थीं।
क्यों बढ़ रहे हैं ऐसे आउटेज?
टेलीकॉम विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार होने वाले नेटवर्क फेलियर के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं:
5G कोर नेटवर्क माइग्रेशन:
पुराने 4G इंफ्रास्ट्रक्चर से 5G स्टैंडअलोन (SA) आर्किटेक्चर में ट्रांजिशन के दौरान अस्थिरता आ सकती है।सॉफ़्टवेयर अपडेट और कॉन्फ़िगरेशन एरर:
बड़े पैमाने पर नेटवर्क अपडेट के दौरान कोई छोटी गलती लाखों यूजर्स को प्रभावित कर सकती है।ऑप्टिकल फाइबर बैकबोन फेलियर:
बैकबोन फाइबर के क्षतिग्रस्त होने से पूरे रीजन की कनेक्टिविटी प्रभावित हो सकती है।नेटवर्क रेडंडेंसी की कमी:
बैकअप सिस्टम पर्याप्त मजबूत न होने पर एक छोटी तकनीकी गड़बड़ी भी बड़ी समस्या बन सकती है।
उपभोक्ताओं पर असर
लगातार आउटेज के कारण यूजर्स का भरोसा डगमगाने लगा है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अगर यह ट्रेंड जारी रहा तो वे अन्य ऑपरेटरों की ओर रुख कर सकते हैं।
व्यावसायिक नुकसान:
छोटे व्यवसाय और ऑनलाइन सर्विस प्रदाता, जिनका राजस्व इंटरनेट और मोबाइल पेमेंट पर निर्भर है, ऐसे आउटेज के दौरान पूरी तरह ठप हो जाते हैं।शिक्षा पर असर:
ऑनलाइन क्लासेस और डिजिटल एग्जाम्स देने वाले छात्रों को सीधे प्रभावित होना पड़ता है।इमरजेंसी सर्विसेज़ में बाधा:
आउटेज के दौरान हेल्पलाइन नंबरों और इमरजेंसी कॉल्स तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है, जिससे गंभीर परिस्थितियां पैदा हो सकती हैं।
इंडस्ट्री पर पड़ने वाला प्रभाव
बार-बार आउटेज होने से सिर्फ Jio ही नहीं, बल्कि पूरे भारतीय टेलीकॉम सेक्टर की सेवा गुणवत्ता पर सवाल उठने लगते हैं। TRAI (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की गाइडलाइंस के तहत नेटवर्क उपलब्धता और सेवा गुणवत्ता के मानक हैं, लेकिन इन घटनाओं के बाद इन मानकों की समीक्षा की मांग तेज़ हो सकती है।
कुछ एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो TRAI टेलीकॉम ऑपरेटर्स पर पेनल्टी लगाने या रेग्युलेटरी जांच शुरू करने पर विचार कर सकता है।
उपभोक्ता भावना
एक यूज़र ने X पर लिखा:
“Third major outage in a month! This is beyond frustrating. Time to look for alternatives.”
दूसरे ने कहा:
“If Jio can’t keep 5G stable, what’s the point of upgrading?”
इन टिप्पणियों से साफ है कि उपभोक्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है और Jio को इसे जल्द ही एड्रेस करना होगा, वरना ब्रांड लॉयल्टी पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
विशेषज्ञों की राय
दूरसंचार विश्लेषकों के अनुसार, आउटेज का कारण नेटवर्क के उच्च उपयोग और बैंडविड्थ दबाव हो सकता है, विशेषकर शाम के समय स्मार्टफोन ट्रैफिक के बढ़े बोझ के चलते।
कुछ आयटेक इंजीनियरों ने सुझाव दिया कि तेज़ ट्रांसिशन के समय 5G से 4G या 2G पर हँग हो जाना या स्विच नहीं होना भी समस्या बढ़ाने वाला कारक हो सकता है।
मानकों के अनुसार, किसी भी आउटेज की सूचना ऑपरेटर द्वारा बड़े बहतर तरीके से और यूजर्स तक तुरंत पहुँचनी चाहिए। लेकिन रिलायंस जियो ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, जिससे यूजर्स में असमंजस बना हुआ है।
समाधान और सुझाव

7 जुलाई 2025 – देश की अग्रणी टेलीकॉम कंपनी Reliance Jio के लाखों ग्राहकों को सोमवार रात अचानक नेटवर्क सेवाओं में बड़ी रुकावट का सामना करना पड़ा। रात करीब 8:10 बजे से ही दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और कोच्चि जैसे प्रमुख शहरों में कॉलिंग और मोबाइल डेटा कनेक्टिविटी ठप हो गई। यह समस्या मुख्यतः 5G नेटवर्क पर देखने को मिली, हालांकि कई यूजर्स ने 4G सेवाओं में भी बाधा की शिकायत दर्ज कराई।
Downdetector के डेटा के अनुसार, महज कुछ ही मिनटों में 11,000+ से अधिक शिकायतें दर्ज हो गईं। इनमें से 81% शिकायतें कॉल या मोबाइल सिग्नल से जुड़ी थीं, 13% मोबाइल इंटरनेट और 6% अन्य तकनीकी गड़बड़ियों जैसे मैसेजिंग या नेटवर्क रजिस्ट्रेशन में विफलता से संबंधित थीं।
हालांकि कंपनी के तकनीकी दल ने लगभग एक घंटे के भीतर समस्या को हल करने का दावा किया, लेकिन उपभोक्ताओं के मुताबिक कई इलाकों में यह दिक्कत देर रात तक बनी रही।
सोशल मीडिया पर गुस्सा फूटा
आउटेज के तुरंत बाद, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले Twitter) पर #JioDown और #JioNetwork ट्रेंड करने लगे।
एक यूजर ने लिखा –
“Jio network here was completely down from 8:15 PM yesterday, all of a sudden. There was literally no network coverage for hours. You couldn’t even make a call or send a text msg.”
दूसरे यूजर ने शिकायत करते हुए लिखा –
“Jio is down! Massive outage just hit—can’t make calls, no signal at all. The spike says it all.”
इन ट्वीट्स से यह साफ झलकता है कि नेटवर्क डाउनटाइम ने लोगों के दैनिक संचार को बुरी तरह प्रभावित किया। जिन लोगों का काम पूरी तरह फोन कॉल्स या इंटरनेट पर निर्भर था, वे इस दौरान पूरी तरह ‘कट-ऑफ’ हो गए।
बार-बार हो रहे बड़े आउटेज
सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह घटना सिर्फ एक महीने में Jio का तीसरा बड़ा आउटेज है।
16 जून 2025 – केरल में बड़ा नेटवर्क आउटेज।
29 जून 2025 – गुजरात में कनेक्टिविटी समस्या।
1 जुलाई 2025 – मध्य प्रदेश में नेटवर्क ठप।
लगातार हो रही इन तकनीकी समस्याओं ने उपभोक्ताओं के भरोसे को हिला दिया है। कई यूजर्स का कहना है कि इस तरह के बार-बार आउटेज से सेवा की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
तकनीकी कारणों पर अटकलें
टेलीकॉम विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की बड़ी समस्या आमतौर पर कोर नेटवर्क अपग्रेड, सर्वर फेलियर या रूटिंग एरर के चलते होती है।
हालांकि, अभी तक कंपनी की तरफ से कोई आधिकारिक तकनीकी विवरण साझा नहीं किया गया है।
यूजर्स के लिए सुझाव
यदि आप इस तरह के आउटेज का सामना कर रहे हैं, तो विशेषज्ञों के कुछ सुझाव हैं:
नेटवर्क सेटिंग रीसेट करें – सेटिंग्स → मोबाइल नेटवर्क → “नेटवर्क चुनें” → ऑटो या मैन्युअल रिसेट।
डेटा मोड बदलें – यदि 5G नेटवर्क कमजोर है तो 4G/LTE मोड पर स्विच करें।
कस्टमर केयर से संपर्क करें – ऑफलाइन मोड में SMS के जरिए शिकायत दर्ज करें।
Downdetector और सोशल मीडिया पर नज़र रखें – रिपेयर अपडेट वहीं सबसे पहले मिलते हैं।
कंपनी की चुप्पी और आगे का रास्ता
अब तक Reliance Jio की तरफ से कोई आधिकारिक प्रेस रिलीज़ या पब्लिक स्टेटमेंट जारी नहीं किया गया है, जिससे यूजर्स की नाराज़गी और बढ़ गई है। टेलीकॉम इंडस्ट्री विश्लेषकों का कहना है कि Jio को अब न केवल नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती पर ध्यान देना होगा, बल्कि ग्राहक संचार और आउटेज मैनेजमेंट में भी सुधार करना होगा।
बार-बार हो रहे नेटवर्क फेलियर से ग्राहक संतुष्टि, कंपनी की साख और प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त तीनों पर असर पड़ सकता है। यदि आने वाले महीनों में ऐसी घटनाएं दोहराई गईं, तो Jio के ग्राहकों का पलायन अन्य टेलीकॉम कंपनियों की ओर होना तय है।
यूजर्स को सलाह:
ऐसे समय में जब किसी बड़े टेलीकॉम ऑपरेटर का नेटवर्क अचानक ठप हो जाए, आपके पास संचार बनाए रखने के लिए बैकअप विकल्प होना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि उपभोक्ता हमेशा वैकल्पिक नेटवर्क जैसे VoWiFi (Voice over Wi-Fi) या Wi-Fi Calling फीचर को अपने स्मार्टफोन में सक्रिय रखें। यह तकनीक आपको आपके घर, दफ्तर या किसी भी वाई-फाई कनेक्शन के जरिए कॉल करने और रिसीव करने की सुविधा देती है, भले ही मोबाइल नेटवर्क सिग्नल कमजोर हो या बिल्कुल न हो।
इसके अलावा, जिन लोगों का काम या रोजमर्रा की जिंदगी पूरी तरह मोबाइल नेटवर्क पर निर्भर है, उन्हें दूसरे ऑपरेटर (Airtel, Vi, BSNL आदि) का सेकेंडरी सिम या ई-सिम सक्रिय रखना चाहिए। इससे एक नेटवर्क के फेल होने पर दूसरा तुरंत बैकअप की तरह काम करेगा, और आप जरूरी कॉल्स या डेटा एक्सेस से वंचित नहीं होंगे।
तकनीकी मुश्किल में तुरंत सहायता कैसे लें
किसी भी नेटवर्क आउटेज या तकनीकी समस्या का सामना करते समय, सबसे पहले अपने डिवाइस सेटिंग्स में नेटवर्क मोड बदलकर (जैसे 5G से 4G या 4G से 3G) कनेक्टिविटी चेक करें। अगर समस्या बरकरार रहे तो तुरंत जिओ के कस्टमर हेल्पलाइन पर कॉल करने का प्रयास करें (हालांकि आउटेज के समय यह लाइन भी व्यस्त हो सकती है)।
ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे X (पहले Twitter) और फेसबुक पर जिओ के आधिकारिक सपोर्ट अकाउंट को टैग करके या डायरेक्ट मैसेज भेजकर शिकायत दर्ज कराना कारगर साबित हो सकता है। अक्सर कंपनियां सोशल मीडिया पर की गई सार्वजनिक शिकायतों का जवाब जल्दी देती हैं, क्योंकि ये शिकायतें अन्य ग्राहकों के लिए भी दिखाई देती हैं और ब्रांड की छवि पर असर डाल सकती हैं।
सूचनाओं पर नज़र बनाए रखें
नेटवर्क डाउनटाइम के दौरान Downdetector, जिओ का ऑफिशियल ऐप (MyJio), और टेक न्यूज़ पोर्टल्स पर नज़र रखना भी फायदेमंद है। इन स्रोतों से आपको यह पता चल सकता है कि समस्या कितने व्यापक स्तर पर है, कितने यूजर्स प्रभावित हैं, और कंपनी ने इसके समाधान के लिए कितना समय अनुमानित किया है।
तैयार रहें, नुकसान घटाएँ
नेटवर्क आउटेज आजकल केवल असुविधा का कारण ही नहीं, बल्कि कई बार आर्थिक नुकसान का कारण भी बन जाता है, खासकर उन लोगों के लिए जो ऑनलाइन ट्रांजैक्शन, रियल-टाइम बिजनेस कॉल्स या रिमोट वर्क पर निर्भर हैं।
इसलिए, बैकअप नेटवर्क, VoWiFi, और सोशल मीडिया सपोर्ट का उपयोग करना न केवल आपकी व्यक्तिगत कनेक्टिविटी बनाए रखेगा, बल्कि आउटेज के दौरान तनाव और नुकसान को भी काफी हद तक कम कर देगा।