ऑस्ट्रेलिया ने पहला T20 3 विकेट से जीता
ऑस्ट्रेलिया ने पहला T20 3 विकेट से जीता :- टेस्ट सीरीज़ में 3-0 की धमाकेदार क्लीन स्वीप के बाद अब ऑस्ट्रेलिया ने टी20 फॉर्मेट में भी अपनी बादशाहत का परिचय दे दिया है। जहाँ एक ओर वेस्टइंडीज़ घरेलू मैदान पर वापसी की उम्मीद कर रही थी, वहीं दूसरी ओर ऑस्ट्रेलियाई टीम ने दिखा दिया कि वे हर फॉर्मेट में विरोधियों पर हावी होने की काबिलियत रखते हैं।
रविवार को जमैका के सबीना पार्क में खेले गए पहले टी20 मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज को रोमांच से भरपूर मुकाबले में 3 विकेट से हराकरतीन मैचों की सीरीज़ में 1-0 की अहम बढ़त बना ली। इस जीत के साथ ऑस्ट्रेलिया ने स्पष्ट संकेत दे दिया कि उनका इरादा सिर्फ टेस्ट में नहीं, बल्कि सफेद गेंद वाले क्रिकेट में भी पूरी सीरीज़ पर कब्ज़ा जमाने का है।
यह मुकाबला सिर्फ जीत-हार तक सीमित नहीं था। इसमें युवा खिलाड़ियों का उदय, सीनियर खिलाड़ियों का योगदान और आखिरी ओवरों तक खिंचता सस्पेंस भरा रोमांच – सब कुछ देखने को मिला। एक समय जब वेस्टइंडीज़ का स्कोर 200 के पार जाता दिख रहा था, तब ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों ने शानदार वापसी की। इसके बाद जब लक्ष्य का पीछा करते हुए शुरुआती विकेट जल्दी गिर गए, तो मिडिल ऑर्डर ने बखूबी जिम्मेदारी निभाते हुए टीम को जीत की ओर ले गया।
यह जीत कई मायनों में खास थी – एक तो यह आंद्रे रसेल की विदाई सीरीज़ की शुरुआत थी, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने फीका कर दिया। दूसरा, डेब्यूटेंट मिचेल ओवेन और हरफनमौला कैमरन ग्रीन की शानदार पारियों ने मैच को रोमांचक मोड़ दिया।
सभी मिलाकर यह मुकाबला क्रिकेट के तमाम रंगों से भरपूर था – दमदार बल्लेबाज़ी, बेहतरीन गेंदबाज़ी, रोमांचक क्लाइमेक्स और शानदार रणनीतिक प्लानिंग।
अब जबकि ऑस्ट्रेलिया ने पहला मुकाबला जीतकर सीरीज़ में बढ़त बना ली है, वेस्टइंडीज़ के पास वापसी करने के लिए अगला मैच करो या मरो जैसा होगा। दूसरी तरफ़ ऑस्ट्रेलिया अगले मैच में जीत दर्ज कर सीरीज़ को अपने नाम करने के इरादे से उतरेगा।
रसेल की फेयरवेल सीरीज़ की फीकी शुरुआत
यह मुकाबला वेस्टइंडीज़ के दिग्गज ऑलराउंडर आंद्रे रसेल की फेयरवेल सीरीज़ का पहला मैच था। उम्मीद थी कि रसेल इस मैच को यादगार बनाएंगे, लेकिन उनकी विदाई की शुरुआत कुछ खास नहीं रही। ना तो गेंदबाज़ी में वो चमके और ना ही बल्ले से टीम को जीत दिला सके।
वेस्टइंडीज़ ने बनाए थे 189/8, ड्वार्शुइस ने झटके 4 विकेट
टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए वेस्टइंडीज़ ने निर्धारित 20 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 189 रन बनाए। टीम के लिए सबसे ज्यादा रन रोवमैन पॉवेल ने बनाए, जिन्होंने 38 गेंदों में ताबड़तोड़ 61 रन ठोके। उनके अलावा ब्रैंडन किंग ने 35 और निकोलस पूरन ने 29 रन का योगदान दिया।
ऑस्ट्रेलिया की ओर से बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ बेन ड्वार्शुइस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 4 ओवर में 26 रन देकर 4 महत्वपूर्ण विकेट झटके। ड्वार्शुइस की सटीक लाइन-लेंथ और डेथ ओवर्स में उनकी यॉर्कर ने वेस्टइंडीज़ की पारी को बड़े स्कोर तक नहीं जाने दिया।
मिचेल ओवेन और कैमरन ग्रीन की तूफानी पारियां
लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम की शुरुआत थोड़ी धीमी रही, लेकिन मिडल ऑर्डर में डेब्यूटेंट मिचेल ओवेन ने धमाकेदार अर्धशतक जमाकर सभी का दिल जीत लिया। उन्होंने महज 27 गेंदों में 50 रन की विस्फोटक पारी खेली, जिसमें 6 चौके और 2 गगनचुंबी छक्के शामिल थे।
ओवेन का बखूबी साथ दिया कैमरन ग्रीन ने, जिन्होंने 26 गेंदों पर 51 रनों की पारी खेलकर जीत की नींव रख दी। दोनों खिलाड़ियों ने मिलकर पारी को संभाला और जरूरी रन रेट को कंट्रोल में रखा।
अंत में थोड़ा रोमांच, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने पाई जीत
हालांकि अंतिम ओवर्स में ऑस्ट्रेलिया ने लगातार विकेट गंवाए और मैच रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया, लेकिन टिम डेविड और मैथ्यू वेड की संयमित बल्लेबाज़ी ने टीम को जीत की दहलीज पार करवा दी। ऑस्ट्रेलिया ने 18.5 ओवर में 7 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया।
खिलाड़ियों का प्रदर्शन – एक नजर में:
खिलाड़ी | प्रदर्शन |
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बेन ड्वार्शुइस | 4 ओवर, 26 रन, 4 विकेट |
मिचेल ओवेन | 50 रन (27 गेंद), डेब्यू मैच |
कैमरन ग्रीन | 51 रन (26 गेंद) |
रोवमैन पॉवेल (WI) | 61 रन (38 गेंद) |
आंद्रे रसेल | 18 रन (12 गेंद), 1 विकेट |
अब नज़र अगले मुकाबले पर
तीन मैचों की टी20 सीरीज़ अब एक दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुकी है। पहले मुकाबले में मिली 3 विकेट की रोमांचक जीत ने ऑस्ट्रेलिया को न केवल बढ़त दिलाई, बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी ऊँचा कर दिया है। लेकिन असली कहानी अब दूसरे मैच में लिखी जानी बाकी है – जो सिर्फ स्कोरबोर्ड की बात नहीं, बल्कि सम्मान, रणनीति और विदाई की भावनाओं से भी जुड़ा हुआ है।
वेस्टइंडीज़ के लिए यह मैच अब ‘करो या मरो’ जैसा हो गया है। पहली हार ने टीम के आत्मविश्वास को ज़रूर चोट पहुंचाई होगी, लेकिन उनके पास वापसी करने का भरपूर अवसर है। खासकर आंद्रे रसेल, जिनके लिए यह घरेलू टी20 सीरीज़ एक भावनात्मक विदाई है, वो अपनी अगली पारी को यादगार बनाना चाहेंगे। रसेल के पास अब सीमित मौके हैं और वे निश्चित रूप से चाहेंगे कि उनका अनुभव और पावरहिटिंग अगला मैच वेस्टइंडीज़ के पक्ष में पलटे।
वहीं दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया की टीम इस समय आत्मविश्वास से लबरेज है। टेस्ट सीरीज़ में क्लीन स्वीप के बाद, पहला टी20 जीतकर उन्होंने यह साफ कर दिया है कि वो सिर्फ लाल गेंद के नहीं, सफेद गेंद के भी बादशाह हैं। ऑस्ट्रेलियाई टीम का हर खिलाड़ी अपने रोल को बखूबी निभा रहा है — युवा खिलाड़ियों से लेकर अनुभवी सितारों तक, हर कोई जीत की भूख के साथ मैदान पर उतर रहा है। अब उनका लक्ष्य अगले मैच को भी जीतकर सीरीज़ पर अजेय बढ़त (2-0) बनाना होगा, जिससे तीसरा मैच महज़ औपचारिकता रह जाए।
रणनीति के स्तर पर, वेस्टइंडीज़ को अपने गेंदबाज़ी संयोजन पर गंभीरता से विचार करना होगा। पहले मैच में बल्लेबाज़ों ने उन्हें एक अच्छा स्कोर दिलाया, लेकिन गेंदबाज़ अंतिम ओवरों में लय और नियंत्रण खो बैठे। वहीं ऑस्ट्रेलिया चाहेगा कि उनकी मिडिल ऑर्डर की ताकत फिर से चमके और गेंदबाज़ एक बार फिर डेथ ओवर्स में कमाल दिखाएं।
इस पृष्ठभूमि में, दूसरा मुकाबला महज़ एक टी20 मैच नहीं होगा, बल्कि प्रतिष्ठा, भविष्य और भावना से जुड़ा एक बड़ा क्रिकेट ड्रामा होगा – जहाँ एक तरफ रसेल की विदाई को चमकाने की कोशिश होगी, वहीं दूसरी ओर ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ को जल्दी अपने नाम करने के इरादे से मैदान में उतरेगा।
अब देखना यह है कि क्या वेस्टइंडीज़ पलटवार कर पाएगा?
या फिर ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ पर कब्जा जमाकर रसेल की विदाई को और भी फीका बना देगा?
जवाब मिलेगा अगले मैच में, जो निश्चित ही क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक भावनात्मक और रोमांचक जंग साबित होगा।
वेस्टइंडीज की विस्फोटक शुरुआत लेकिन धीमा अंत
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी वेस्टइंडीज टीम की शुरुआत तेज रही। ब्रैंडन किंग और शाई होप ने शुरुआती तीन ओवर में 8 चौके लगाकर 30 रन बटोरे। हालांकि, किंग (18) को कूपर कोन्नॉली ने स्टंप करवा दिया, लेकिन होप (55 रन, 39 गेंद) और रोस्टन चेज़ (60 रन, 26 गेंद) ने पावरप्ले में 56/1 तक स्कोर पहुंचाया और फिर तेज़ी से रन जुटाना शुरू किया।
10 ओवर में टीम 103/1 पर थी और 200 से ज्यादा का स्कोर दिख रहा था। लेकिन जैसे ही चेज़ 13वें ओवर में ड्वार्शुइस की धीमी गेंद पर आउट हुए, वेस्टइंडीज का मिडिल ऑर्डर लड़खड़ा गया। अंतिम 12 गेंदों में वेस्टइंडीज ने 6 विकेट गंवाए और सिर्फ 6 रन जोड़ सकी। ड्वार्शुइस ने आंद्रे रसेल, रदरफोर्ड और जेसन होल्डर को चार गेंदों में आउट कर वेस्टइंडीज को बड़ा स्कोर बनाने से रोक दिया।
ऑस्ट्रेलिया की रन चेज़ में ग्रीन-ओवेन की धुआंधार बल्लेबाज़ी
ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत कुछ खास नहीं रही, क्योंकि फ्रेज़र-मैकगर्क जल्दी आउट हो गए। लेकिन जोश इंग्लिस और मिचेल मार्श ने रसेल के एक ओवर में तीन छक्के लगाकर टीम को संभाला। इसके बाद कैमरन ग्रीन ने मैदान संभाला और आते ही अल्ज़ारी जोसेफ को तीन छक्के जड़ दिए।
इंग्लिस और मैक्सवेल के आउट होने के बाद ऑस्ट्रेलिया को 80 रनों की साझेदारी ने मैच में पूरी तरह से पकड़ दिलाई – यह साझेदारी थी कैमरन ग्रीन और डेब्यू पर धमाल मचाने वाले मिचेल ओवेन के बीच।
ओवेन ने रसेल के एक ओवर में दो छक्के और कुल 18 रन निकाले, फिर अकील होसैन की लगातार तीन गेंदों पर तीन छक्के जड़ दिए। ग्रीन ने भी अपने 25 गेंदों पर अर्धशतक पूरे किए लेकिन अगली ही गेंद पर आउट हो गए। फिर भी ओवेन और कोन्नॉली ने स्कोर को लक्ष्य के करीब पहुंचा दिया।
हालांकि अंतिम ओवरों में कुछ विकेट गिरे, लेकिन ड्वार्शुइस और एबॉट ने ऑस्ट्रेलिया को जीत दिला दी।
टेस्ट सीरीज़ में 3-0 की एकतरफा जीत के बाद ऑस्ट्रेलिया ने टी20 फॉर्मेट में भी वही दबदबा बरकरार रखा। जमैका के सबीना पार्क में रविवार को खेले गए पहले टी20 मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने मेज़बान वेस्टइंडीज़ को 3 विकेट से हराकर तीन मैचों की सीरीज़ में 1-0 की बढ़त बना ली।
यह मैच वेस्टइंडीज़ के दिग्गज ऑलराउंडर आंद्रे रसेल की फेयरवेल सीरीज़ की शुरुआत थी, लेकिन उनकी विदाई का जश्न ऑस्ट्रेलियाई टीम ने फीका कर दिया।
वेस्टइंडीज़ की पारी: दमदार शुरुआत लेकिन धीमी समाप्ति
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी वेस्टइंडीज़ की टीम ने आक्रामक और आत्मविश्वास से भरी शुरुआत की। ओपनिंग से लेकर मिडिल ऑर्डर तक, बल्लेबाज़ों ने बेझिझक शॉट्स खेले और ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज़ों पर दबाव बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पावरप्ले में ही 56 रन जोड़कर उन्होंने मैच की गति निर्धारित कर दी थी।
वेस्टइंडीज़ के अनुभवी बल्लेबाज़ शाई होप ने एक बार फिर अपने क्लासिक अंदाज़ में बल्लेबाज़ी की। उन्होंने अपने ट्रेडमार्क टाइमिंग और ग्राउंड शॉट्स का उपयोग करते हुए 39 गेंदों में 55 रन बनाए। उनका यह अर्धशतक बहुत तेज़ नहीं था, लेकिन एक एंकर पारी की भूमिका निभाते हुए उन्होंने दूसरी छोर से साझेदारी को मजबूत बनाए रखा।
दूसरी ओर, रोस्टन चेज़ ने आक्रमण की कमान संभाली और एक विस्फोटक पारी खेली। उन्होंने केवल 26 गेंदों पर 60 रन जड़ दिए, जिसमें 5 चौके और 4 छक्के शामिल थे। चेज़ ने स्पिन और पेस दोनों के खिलाफ जमकर रन बनाए, खासकर पुल शॉट्स और कवर ड्राइव्स में उनका आत्मविश्वास देखने लायक था। उनकी यह पारी न सिर्फ तेज़ थी, बल्कि तकनीकी दृष्टि से भी बेहद सटीक।
इस जबरदस्त जोड़ी के कारण पहले 10 ओवर में ही स्कोर 103/2 तक पहुंच गया था। उस समय ऐसा लग रहा था कि वेस्टइंडीज़ की टीम आसानी से 200 से ऊपर का स्कोर खड़ा कर लेगी, जो टी20 मुकाबलों में एक मैच जिताऊ स्कोर माना जाता है। दर्शकों के बीच उत्साह चरम पर था, स्टेडियम में वेस्टइंडीज़ के झंडे लहराए जा रहे थे, और लग रहा था कि यह मैच उनके नाम होने जा रहा है।
लेकिन यहीं से कहानी ने करवट ली।
ऑस्ट्रेलिया की वापसी: डेथ ओवर्स में गेंदबाज़ों ने पलटा पासा
हालांकि शुरुआत शानदार थी, लेकिन डेथ ओवर्स में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों ने अनुभव और अनुशासन का प्रदर्शन करते हुए मैच में जबरदस्त वापसी की। खासकर बेन ड्वार्शुइस ने न केवल विकेट लिए, बल्कि रनगति पर भी नियंत्रण रखा। उन्होंने जैसे ही मिडिल ऑर्डर को तोड़ा, वेस्टइंडीज़ का स्कोरिंग ग्राफ़ धीमा पड़ गया।
विकेट गिरने के बाद निचला क्रम रन बनाने के लिए संघर्ष करता रहा। गेंदबाज़ों ने यॉर्कर, धीमी गेंद और ऑफ-स्टंप लाइन पर अटैक कर वेस्टइंडीज़ के बल्लेबाज़ों को खुलकर खेलने से रोके रखा।
आखिरी 5 ओवरों में टीम सिर्फ 42 रन ही जोड़ सकी, जबकि एक समय 220 का स्कोर भी संभव लग रहा था। इस शानदार वापसी का नतीजा यह हुआ कि वेस्टइंडीज़ 20 ओवरों में 189/8 तक ही सीमित रह गई – जो एक अच्छा स्कोर था, लेकिन उस तेज़ शुरुआत के मुकाबले कुछ कम ज़रूर लग रहा था।
ड्वार्शुइस की गेंदबाज़ी ने बदला मैच का रुख
बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ बेन ड्वार्शुइस ने पारी का पासा पलट दिया। उन्होंने सिर्फ 4 ओवर में 36 रन देकर 4 विकेट झटके। उनकी शिकार सूची में आंद्रे रसेल (18), शेरफेन रदरफोर्ड (6) और जेसन होल्डर (3) जैसे खतरनाक खिलाड़ी शामिल थे।
इस शानदार गेंदबाज़ी के कारण वेस्टइंडीज़ की पारी लड़खड़ा गई और आखिरी 5 ओवरों में टीम सिर्फ 42 रन ही जोड़ सकी, जिसके चलते फाइनल स्कोर 189/8 रहा।
ऑस्ट्रेलिया की पारी: शुरुआती झटकों के बाद ग्रीन-ओवेन की वापसी
190 रनों का लक्ष्य आसान नहीं था, और ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत भी वैसी ही रही। कप्तान मैथ्यू वेड और ओपनर जोश इंग्लिस जल्दी आउट हो गए। स्कोर 5 ओवर में 38/2 था और दबाव दिख रहा था।
लेकिन फिर आए कैमरन ग्रीन और डेब्यू कर रहे मिचेल ओवेन। दोनों बल्लेबाज़ों ने खेल का रुख ही पलट दिया। ओवेन ने आत्मविश्वास से भरपूर 27 गेंदों पर 50 रन बनाए, जिसमें 6 चौके और 2 छक्के शामिल थे। वहीं ग्रीन ने 26 गेंदों पर 51 रन बनाए, जिसमें पावर और टाइमिंग का बेहतरीन मिश्रण देखने को मिला।
दोनों के बीच 80 रनों की तूफानी साझेदारी हुई, जिसने मैच को ऑस्ट्रेलिया की झोली में डाल दिया।
अंतिम ओवर्स में हलचल लेकिन संयम ने दिलाई जीत
15वें ओवर के बाद ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए सिर्फ 42 रन चाहिए थे, लेकिन वेस्टइंडीज़ ने कुछ ताबड़तोड़ विकेट निकालकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया। लेकिन शॉन एबॉट और बेन ड्वार्शुइस ने बिना घबराए आखिरी के ओवर्स में सटीक स्ट्राइक रोटेशन और बॉर्डर शॉट्स के जरिए स्कोर को आगे बढ़ाया।
अंत में ऑस्ट्रेलिया ने 18.5 ओवर में 190/7 बनाकर 3 विकेट से जीत दर्ज की।
मैच का स्कोरबोर्ड – एक नज़र में:
वेस्टइंडीज़ – 189/8 (20 ओवर)
रोस्टन चेज़: 60 रन (26 गेंद)
शाई होप: 55 रन (39 गेंद)
बेन ड्वार्शुइस: 4 ओवर, 36 रन, 4 विकेट
ऑस्ट्रेलिया – 190/7 (18.5 ओवर)
कैमरन ग्रीन: 51 रन (26 गेंद)
मिचेल ओवेन: 50 रन (27 गेंद)
गुडकश मोती: 4 ओवर, 29 रन, 2 विकेट
नतीजा:
ऑस्ट्रेलिया ने 3 विकेट से जीत दर्ज की
सीरीज़ स्थिति:
ऑस्ट्रेलिया 1-0 से आगे
खास बातें जो मैच में देखने को मिलीं:
वेस्टइंडीज़ जब 10 ओवर में 103 रन बनाकर तेज़ी से 200+ स्कोर की तरफ बढ़ रही थी, तब लग रहा था कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों की शाम काफ़ी लंबी होने वाली है। लेकिन तभी बेन ड्वार्शुइस ने वो कर दिखाया जो बड़े मैचों के बड़े खिलाड़ी करते हैं – उन्होंने अपनी सटीक लाइन और रणनीति से मैच को पलट दिया।
ड्वार्शुइस ने अपने 4 ओवर के स्पेल में 36 रन देकर 4 विकेट झटके, जो सिर्फ आंकड़े नहीं थे, बल्कि टर्निंग पॉइंट साबित हुए। खासकर उनके द्वारा लिए गए विकेट – आंद्रे रसेल, शेरफेन रदरफोर्ड और जेसन होल्डर – वेस्टइंडीज़ के मिडिल और लोअर मिडिल ऑर्डर की रीढ़ थे। इन तीनों को आउट करके ड्वार्शुइस ने न सिर्फ रनगति रोकी, बल्कि विपक्षी टीम की रणनीति भी बिगाड़ दी।
डेथ ओवर्स में उनकी गेंदबाज़ी इतनी क्लिनिकल रही कि वेस्टइंडीज़ आखिरी पांच ओवर में बमुश्किल 42 रन ही जोड़ सकी, जबकि पहले की आक्रामकता देखकर 210+ का स्कोर संभव लग रहा था।
यह प्रदर्शन दिखाता है कि ड्वार्शुइस सिर्फ एक सपोर्ट बॉलर नहीं, बल्कि ऐसे मौके का खिलाड़ी है जो दबाव में निखरता है – और यही गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक गेंदबाज़ को खास बनाती है।
आंद्रे रसेल की फीकी विदाई की शुरुआत: भावनाओं से भरा लेकिन परिणाम से खाली पहला मैच
वेस्टइंडीज़ के फैंस के लिए यह सीरीज़ बेहद खास है, क्योंकि यह आंद्रे रसेल की आखिरी घरेलू टी20 सीरीज़ है। हर किसी को उम्मीद थी कि उनका पहला मैच धमाकेदार रहेगा – बल्ले से कुछ तूफानी शॉट्स, गेंदबाज़ी में विकेट और मैदान पर उनका वही पुराना जलवा देखने को मिलेगा।
लेकिन अफ़सोस, रसेल के लिए यह मैच एक शांत और फीकी शुरुआत की तरह रहा।
बल्ले से वे सिर्फ 18 रन ही बना सके, वो भी ऐसे समय पर जब टीम को तेज़ रन की दर से स्कोर बढ़ाना था। और गेंदबाज़ी में भी वे प्रभाव नहीं छोड़ सके – न विकेट, न नियंत्रण।
यह न केवल उनके प्रशंसकों के लिए निराशाजनक था, बल्कि वेस्टइंडीज़ टीम के लिए भी झटका था क्योंकि उनका अनुभव और ऑलराउंड योगदान इस मैच में बहुत जरूरी था।
हालांकि यह सिर्फ एक मुकाबला है, और रसेल जैसे खिलाड़ी को हल्के में नहीं लिया जा सकता। उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में कई बार वापसी की है और उम्मीद की जानी चाहिए कि अगले मैचों में वह अपनी इस फेयरवेल सीरीज़ को सच में यादगार बना पाएंगे।
आगे क्या?
तीन मैचों की टी20 सीरीज़ का अगला मुकाबला अब और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। वेस्टइंडीज़ वापसी करना चाहेगा, और आंद्रे रसेल अपनी विदाई को यादगार बनाना चाहेंगे। वहीं, ऑस्ट्रेलिया की कोशिश रहेगी कि वह अगला मैच भी जीतकर सीरीज़ को जल्दी अपने नाम करे।
क्या ऑस्ट्रेलिया टी20 सीरीज़ में भी वाइटवॉश करेगा? या वेस्टइंडीज़ दे पाएगा पलटवार?
जानिए अगले मुकाबले में

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