Brave Army Jawan Murali Naik ( Pakistani Firing) 2025
Army Jawan Murali Naik ( Pakistani Firing) 2025
Brave Army Jawan Murali Naik ( Pakistani Firing) 2025 :- जम्मू में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा की गई अकारण गोलीबारी के दौरान, आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के गोरंटला गांव के बहादुर सपूत, भारतीय सेना के जवान मुरली नाइक मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। उनका यह बलिदान राष्ट्र के लिए अमूल्य है, और देश हमेशा उनके शौर्य और समर्पण को नमन करता रहेगा।
Army Jawan Murali Naik ( Pakistani Firing) 2025
सुबह की पहली किरण के साथ ही जब जवान मुरली नाइक के शहीद होने की खबर उनके गांव पहुंची, तो श्री सत्य साईं जिले के कल्ली थांडा और आसपास की आदिवासी बस्तियों पर गहरी उदासी छा गई थी। शांत घाटियों और जंगलों के बीच बसी इन गरीब बस्तियों में, जहां हर परिवार एक-दूसरे के सुख-दुख का साथी होता है, यह खबर सुनते ही जाने उस गौ के सभी लोगो पर बिजली सी गिरी। चूल्हे ठंडे पड़ गए, बच्चे सहम गए, और बुजुर्गों की आंखों से आंसू गिरने लगे और रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। मुरली नाइक, जो सिर्फ हमारे देश के एक सैनिक नहीं बल्कि पूरे गांव की उम्मीद और गर्व थे, आज अमर हो गए है। उनकी सादगी, सेवा भावना और मुस्कान की यादें हर दिल को चीरती रहीं। उनके बलिदान ने गांव को गौरव तो दिया, परंतु अपार पीड़ा भी दी और साथ पूरे गौ मे उदासी का माहौल लाया। माताएं अपने बेटों को देखकर भावुक हो उठीं — “यही तो था हमारे बीच का सितारा।” शहीद की शान में लोगों ने दीप जलाए, मगर हर लौ में एक आंसू छिपा था। कल्ली थांडा आज सिर्फ एक गांव नहीं, बल्कि एक वीर की धरती बन गया है, जहां दुख और सम्मान साथ-साथ बह रहे हैं।
Army Jawan Murali Naik ( Pakistani Firing) 2025
आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के गोरंटला मंडल के पुट्टागुंडलापल्ले गांव के समीप बसे कल्ली थांडा के निवासी और भारतीय सेना के समर्पित सिपाही मुरली नाइक (उम्र 27), 8 मई 2025 की रात को नियंत्रण रेखा (LoC) पर देश की रक्षा करते हुए पाकिस्तानी सेना की अकारण गोलीबारी में वीरगति को प्राप्त हुए। यह हृदय विदारक घटना उस समय हुई जब सीमावर्ती क्षेत्र में तनाव चरम पर था और जवान मुरली अपने कर्तव्य पथ पर डटे हुए थे। क्षेत्रीय ग्रामीण समाज, विशेषकर आदिवासी समुदाय, अपने इस अमूल्य रक्षक की शहादत से स्तब्ध है। मुरली नाइक, जो साहस, सेवा और संकल्प का प्रतीक थे, अब भारतमाता के अमर सपूतों में शामिल हो गए हैं। कल्ली थांडा की मिट्टी आज अंसुओसे भीग चुकी है, लेकिन उन के माता पता और वहा के रहने वाले सभी व्यक्ति का सिर गर्व से ऊँचा हो गया है। मगर आंख मे आंसू भी छलक रहे है। उन्हें अंतिम सलामि दे रही है। यह वीरगाथा सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति की अमिट छाप है जिसे हर भारतीय अपने हृदय में याद रखेगा।
Army Jawan Murali Naik ( Pakistani Firing) 2025
आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के गोरंटला क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले वीर जवान मुरली नाइक, जिनका जन्म एक अत्यंत साधारण और आदिवासी किसान परिवार में हुआ था। वो पुत्र आज वीरगति को प्राप्त हुआ है। और देश के लिए बलिदान देकर अमर हो गए है। स्थानीय पुलिस सूत्रों के अनुसार, वह श्री राम नाइक के पुत्र थे और बचपन से ही राष्ट्र सेवा की प्रेरणा से ओतप्रोत थे। वर्तमान में मुरली नाइक जम्मू-कश्मीर की नियंत्रण रेखा (LoC) पर अत्यधिक तनावपूर्ण स्थिति में तैनात थे। बताया जा रहा है कि भारत द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन सिंदूर के पश्चात पाकिस्तानी सेना ने संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए भारी तोपखाने और मोर्टार से हमला किया। इस हमले में नाइक गंभीर रूप से घायल हो गए थे। और उन्हें तत्काल नई दिल्ली के सैन्य अस्पताल मे ले जाने का प्रयास किया गया था, परंतु रास्ते में ही उन्होंने देश के लिए अंतिम सांस ली। यह युवान और अविवाहित जवान अपने पीछे शौर्य, समर्पण और राष्ट्र के प्रति अद्वितीय निष्ठा की एक अमिट छवि छोड़ गया है। आज उनका नाम गोरंटला की धरती पर सुवर्ण अक्सर में लिखा जा चुका है। और भारत के हर दिन मे वो जवान बस चुका है। इस जवान ने अपने शरीर को छोड़ दिया है। लेकिन उसने भारत के हर व्यक्ति के दिल मे अपनी छाप छोड़ गया है। और देश के प्रति उसके दिल मे जो जज़्बा था वो सभी भारत वासियो को बता गया है।
शहीद मुरली नाइक की वीरता को पूरा राष्ट्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है, और उनके पैतृक गांव कल्ली थांडा में गम और गौरव का मिला-जुला माहौल व्याप्त है। गुरुवार रात नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में वीरगति को प्राप्त हुए मुरली, मुदवथ श्रीराम नाइक और मुदवथ ज्योति बाई के इकलौते पुत्र थे। यह बहादुर जवान एक आदिवासी किसान परिवार से संबंध रखते थे, जिनके माता-पिता गोरंटला मंडल में खेतिहर मजदूर के रूप में जीवन यापन करते हैं।
जैसे ही शुक्रवार सुबह शहादत की खबर जिले में फैली, कल्ली थांडा सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में शोक की लहर दौड़ उठी। सैकड़ों स्थानीय नागरिक, जनप्रतिनिधि और समाजसेवी शोकग्रस्त परिवार के पास पहुंचकर सांत्वना दे रहे हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने गांव का दौरा करते हुए कहा, “हम मुरली नाइक की बहादुरी और बलिदान को नमन करते हैं; उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जाएगा।”
दिलचस्प बात यह है कि शुक्रवार को पूरे पुलिस प्रशासन की तैनाती मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के जिले के दौरे के मद्देनजर की गई थी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री जल्द ही परिवार के लिए आर्थिक सहायता (Ex-Gratia) की घोषणा करेंगे।
शहीद मुरली नाइक का पार्थिव शरीर शनिवार, 10 मई की सुबह उनके पैतृक गांव लाया जाएगा, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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