भारत पाकिस्तान :-
दुनिया की पहली ड्रोन जंग दक्षिण एशिया में दो परमाणु हथियार से संपन्न पड़ोसि देश के बीच शुरू हो गई है।
भारत-पाकिस्तान के बीच पहली ड्रोन जंग :- 2025
गुरुवार को भारत ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि उसने भारतीय क्षेत्र और भारत-शासित कश्मीर में तीन सैन्य ढ़ीकनो पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया गया। हालांकि, पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया है और दावा किया कि उसने हाल के घंटों में 25 भारतीय ड्रोन मार गिराए हैं। भारत सरकार ने इस पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह ड्रोन हमले दशकों पुराने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को एक नए और खतरनाक दौर में ले जा रहे हैं, जहां अब दोनों देश सिर्फ तोपखाने नहीं, बल्कि मानवरहित हथियारों का इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
अमेरिका और अन्य वैश्विक शक्तियों की शांति की अपीलों के बावजूद, यह क्षेत्र तनाव के कगार पर खड़ा है। ड्रोन तकनीक ने इस संघर्ष को और अधिक खामोश,रहस्यमय और खतरनाक बना दिया है।
दक्षिण एशिया में पहली बार दो परमाणु संपन्न देश – भारत और पाकिस्तान – के बीच ड्रोन युद्ध छिड़ गया है, जो क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
गुरुवार को भारत ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसमें कहा गया कि पाकिस्तान ने भारतीय सीमा और भारत-प्रशासित कश्मीर में स्थित तीन प्रमुख सैन्य ठिकानों को ड्रोन और मिसाइलों से निशाना बनाया था। वहीं, पाकिस्तान ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है और उल्टा दावा किया है कि उसने हाल के कुछ घंटों में 25 भारतीय ड्रोन मार गिराए हैं। भारत सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटनाक्रम भारत-पाकिस्तान विवाद को एक नए और खतरनाक मोड़ पर ले जा रहा है, जहां पारंपरिक युद्ध के बजाय मानवरहित हवाई हमलों (ड्रोन अटैक) का प्रयोग हो रहा है। यह बदलाव संघर्ष को और अधिक रहस्यमय, तेजी से उभरता हुआ और अनिश्चित बना रहा है।
अमेरिका और अन्य वैश्विक शक्तियों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। ड्रोन जैसी तकनीक, जो चुपचाप हमला कर सकती है, इस संघर्ष में नए खतरे और कूटनीतिक चुनौतियां पैदा कर रही है।
भारत-पाकिस्तान संघर्ष में ड्रोन युद्ध की नई शुरुआत: कौन बनेगा आसमान का असली शासक?
दक्षिण एशिया के विवादित आकाश में अब पारंपरिक गोलिया और मिसाइलों की गूंज के साथ-साथ ‘अदृश्य आंखों’ और मानवरहित हमलों की दस्तक भी सुनाई देने लगी है। अमेरिका की नेवल वॉर कॉलेज के प्रोफेसर जहारा माटिसेक के अनुसार, “अब यह संघर्ष इस मोड़ पर पहुंच चुका है जहां जो पक्ष ड्रोन तकनीक में महारत हासिल करेगा, वही सिर्फ जंग नहीं, बल्कि पूरे युद्धक्षेत्र को परिभाषित करेगा।”
बुधवार सुबह से शुरू हुई झड़पों में पाकिस्तान का दावा है कि भारतीय हवाई हमलों और सीमा पार फायरिंग से 36 लोगों की जान गई है और 57 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के नागरिक भी शामिल थे और दूसरी ओर, भारत की सेना ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी गोलाबारी में कम से कम 16 भारतीय नागरिक वीरगति को प्राप्त हो गए हैं।
भारत का कहना है कि उसका मिसाइल पाकिस्तानी के लिए एक करारा जवाब था, जो पिछले महीने पहलगाम में भारतीय पर्यटकों पर हुए घातक आतंक हमले का जवाब है।
गुरुवार को पाकिस्तान की सेना ने दावा किया कि उसने कराची, लाहौर और रावलपिंडी जैसे प्रमुख शहरों में 25 भारतीय ड्रोन मार गिराए हैं। ये ड्रोन कथित तौर पर इजरायल निर्मित हारोप ड्रोन थे, जिन्हें तकनीकी और हथियार-आधारित तरीकों से रोका गया। वहीं भारत ने जवाबी कारवाई में कई पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम्स और राडार को नष्ट करने का दावा किया है, जिनमें एक लाहौर में भी बताया गया, हालांकि पाकिस्तान ने इसे खारिज कर दिया।
यह नया ड्रोन युग केवल तकनीकी मुकाबला नहीं है, यह पूरे दक्षिण एशिया की सुरक्षा, कूटनीति और भविष्य के युद्धों की दिशा तय करने वाला मोड़ बन चुका है।
ड्रोन और लेज़र युद्ध की ओर बढ़ते भारत-पाक रिश्ते: आधुनिक युद्ध का नया चेहरा
आज की डिजिटल युद्ध नीति में ड्रोन, लेज़र-गाइडेड मिसाइलें और मानव रहित विमान (UAVs) सिर्फ विकल्प नहीं, बल्कि युद्ध की दिशा तय करने वाले अहम हथियार बन चुके हैं। ये न सिर्फ दुश्मन की स्थिति की सटीक जानकारी देते हैं, बल्कि कुछ मॉडल स्वयं लक्ष्यों को पहचानकर उन्हें निशाना भी बना सकते हैं। और उन्हे जड़ से खतम भी कर सकते है।
एशिया में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव में अब युद्ध के यह नए औज़ार निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, आधुनिक ड्रोन अब केवल निगरानी नहीं, बल्कि सीधे हमला करने और दुश्मन की वायु रक्षा को चकमा देने और लक्ष्य चिन्हित करने का काम कर रहे हैं।
ड्रोन: दुश्मन की राडार ढूंढने वाले 'चालाक सिपाही
प्रोफेसर जहारा माटिसेक का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में देखा गया है कि कैसे ड्रोन पहले दुश्मन की राडार प्रणाली को सक्रिय करते हैं, जिससे वह दूसरों की मिसाइलों या ‘लुटेरिंग म्युनिशन’ (घूमते हुए विस्फोटक ड्रोन) का आसान शिकार बन जाते हैं। यह दोहरा इस्तेमाल – लक्ष्य का पता लगाना और हमले का ट्रिगर बनना – ड्रोन को ‘फोर्स मल्टीप्लायर’ बना देता है, वो भी बिना पायलट को खतरे में डाले।
भारत का ड्रोन बेड़ा: निगरानी से लेकर सटीक हमलों तक
भारत का ड्रोन्स आधारित रक्षा ढांचा अब पहले से कहीं अधिक सशक्त हो रहा है।
प्रमुख प्लेटफॉर्म:
IAI हेरॉन – ऊंचाई पर उड़ने वाली निगरानी मशीन, जो युद्ध और शांति दोनों स्थितियों में “आकाश की आंखें” कही जाती है।
IAI सर्चर Mk II – फ्रंटलाइन ऑपरेशन के लिए डिज़ाइन किया गया, 18 घंटे की उड़ान और 300 किमी रेंज के साथ।
हारोप – यह एक ‘कमिकेज़ी ड्रोन’ है, जो निशाना खोजने के बाद खुद को विस्फोट करके लक्ष्य को नष्ट करता है।
हाल ही में भारत ने अमेरिका से $4 बिलियन की डील में 31 MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन खरीदने का फैसला किया है, जो 40 घंटे तक उड़ान भर सकते हैं और 40,000 फीट की ऊंचाई तक जा सकते हैं। यह भारत की सर्जिकल स्ट्राइक क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा। और भारत देश इससे और भी सक्तिसाली बन जायेगा
साथ ही, भारत ‘स्वार्म ड्रोन रणनीति’ पर भी काम कर रहा है, जिसमें सैकड़ों छोटे ड्रोन एक साथ भेजे जाते हैं ताकि दुश्मन की वायु रक्षा प्रणाली को भ्रमित कर उच्च-मूल्य के हथियार अंदर भेजे जा सकें।
पाकिस्तान की ड्रोन शक्ति: विविधता और संख्या में बढ़त
हाल ही मे हम जानकारी प्रात ही है की लाहौर स्थित रक्षा विश्लेषक इजाज़ हैदर के अनुसार, पाकिस्तान के पास 1000 से अधिक ड्रोन हैं – जिनमें चीन के CH-4, तुर्की के बायराकटार अकिंजी और देश में बने बुर्राक और शाहपर शामिल हैं।
पाकिस्तान ने भी घूमते विस्फोटक हथियार (loitering munitions) विकसित किए हैं, जिससे उसकी आक्रमण क्षमता कई गुना बढ़ गई है। यह ड्रोन अब न केवल निगरानी कर रहे हैं, बल्कि सटीक हमलों के लिए प्रमुख भूमिका में भी तेनात् है।
निष्कर्ष: भविष्य का युद्ध 'बिना सैनिक' के होगा?
दक्षिण एशिया के बदलते भू-राजनीतिक परिदृश्य में ड्रोन और मानव रहित तकनीकें अब सिर्फ सहायक नहीं, बल्कि निर्णायक बनती जा रही हैं। भारत और पाकिस्तान जैसे परमाणु बम्ब शक्ति संपन्न देशों के बीच यह तकनीकी दौड़ केवल सुरक्षा की चिंता नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्रीय संतुलन को भी प्रभावित कर सकती है।

भारत-पाकिस्तान के बीच पहली ड्रोन जंग: परमाणु ताकतों के बीच बढ़ता तनाव
भारत-पाकिस्तान के बीच पहली ड्रोन जंग: परमाणु ताकतों के बीच बढ़ता तनावभारत-पाकिस्तान के बीच पहली ड्रोन जंग: परमाणु ताकतों के बीच बढ़ता तनाव
भारत-पाकिस्तान के बीच पहली ड्रोन जंग: परमाणु ताकतों के बीच बढ़ता तनाव
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भारत-पाकिस्तान के बीच पहली ड्रोन जंग :- 2025
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